
Rangpanchami Ger in Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर (Indore) की होली के बाद रंगपंचमी के अवसर पर निकलने वाली परंपरागत गेर (Rangpanchami Ger) को इस साल 72 साल पूरे हो गए हैं. हर साल की तरह इस साल भी यह गेर शनिवार, 30 मार्च को रंगपंचमी (Rang Panchami 2024) के अवसर पर इंदौर के मल्हारगंज टोरी कॉर्नर (Ger Route) से शुरू होगी. इसके लिए सुबह 11:00 बजे का समय निर्धारित किया गया है. जो कि शाम 4 बजे तक चलेगी. बता दें कि इंदौर के अलग-अलग संगठन अपने-अपने ग्रुप के साथ गेर में शामिल होते हैं. इस दौरान चार पहिया वाहनों में रंग रखा जाता है और अलग-अलग पिचकारियों से रंगों के फुहार का उड़ाई जाती है. इसके लिए हाथ से बनी मशीनों का इस्तेमाल भी किया जाता है. बता दें कि इंदौर की गेर (Indore Ger) में हर साल 2-3 लाख लोग शामिल होते हैं.
बता दें कि इंदौर में मुख्य रूप से हिंद रक्षक संस्था सृजन जैसे अन्य संगठन गेर संचालित करने का काम करते हैं. ये सभी संगठन अपनी-अपनी गेर लेकर चलते हैं और रंग-गुलाल उड़ाते हुए राजवाड़ा महल पहुंचते हैं. जहां से गेर नरसिंह बाजार और कपड़ा मार्केट से होते हुए वापस टोरी कॉर्नर पहुंचती है.

हर साल गेर में करीब दो से तीन लाख लोग शामिल होते हैं.
यूनेस्को के लिए प्री रिहलसल ऐसे करेगा इंदौर
इंदौर की रंगपंचमी की गेर को यूनेस्को में शामिल किए जाने के लिए पिछले 5 साल से कोशिश की जा रही है. बता दें कि जिला प्रशासन ने इस साल भी कोशिश की थी, लेकिन साल में एक शहर से एक इवेंट को रजिस्टर्ड किए जाने के नियम के चलते इस साल इसे यूनेस्को की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. बता दें कि इस साल इंदौर के गरबा को रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया चल रही है. इसीलिए इंदौर की रंगपंचमी की गेर को लेकर यूनेस्को की टीम के अगले साल आने की उम्मीद है. यही वजह है कि इस साल जिला प्रशासन ने रंगपंचमी की गेर को यूनेस्को के लिए प्री रिहलसल मानते हुए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने गेर के मार्ग का दौरा किया. प्रशासन का प्रयास है कि इस बार की गेर बिना फूहड़ता और शालीनता के साथ डिसिप्लिन में संपन्न हो.
CM मोहन यादव भी होंगे शामिल
इंदौर की परंपरागत गेर में इस साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के शामिल होने को लेकर पूरे सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. जिला प्रशासन को अभी पूरा कार्यक्रम मुख्यमंत्री का नहीं मिला है, लेकिन उनके शामिल होने की पूरी उम्मीद है.

रंगों से बचाव के लिए राजवाड़ा महल समेत गेर मार्ग में आने वाली इमारतों को प्लास्टिक से ढक दिया गया है.
राजवाड़ा महल को प्लास्टिक से ढका गया
इंदौर की गेर के मुख्य मार्ग पर रंग और गुलाल जिस तरह से उड़ता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे मार्ग पर इमारतों को प्लास्टिक की तिरपाल से ढक दिया गया है. गेर के दौरान इमारतों को सुरक्षित रखने के लिए तीन-चार मंजिला इमारतें प्लास्टिक की तिरपाल से ढकी रहती हैं. इतना ही नहीं इंदौर के प्रसिद्ध होलकर स्टेट के राजवाड़ा महल को भी प्लास्टिक की तिरपाल से पूरी तरह ढक दिया जाता है. जिससे कि गेर में उड़ाए जाने वाले रंग और गुलाल से उसे बचाया जा सके.
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