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Lok Sabha Elections Phase 2 Voter Turnout: डिप्टी CM के गढ़ में 11 फीसदी कम मतदान, विंध्य की 4 सीटों पर कम वोटिंग का जिम्मेदार कौन?

Lok Sabha Elections 2024 Phase 2 Voting: वोटिंग प्रतिशत (Voting Percentage) के मामले में विंध्य की चारों सीट में इससे कम वोटिंग 2009 लोकसभा चुनाव में हुई थी. 2014 में चारों सीटों का वोटिंग प्रतिशत अपेक्षाकृत अच्छा था. 2014 के चुनाव में शहडोल सीट में सबसे अधिक 62.08 फीसदी, सतना में 62.63 प्रतिशत, सीधी में 57 प्रतिशत और रीवा में 53.74 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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Lok Sabha Elections Phase 2 Voter Turnout: डिप्टी CM के गढ़ में 11 फीसदी कम मतदान, विंध्य की 4 सीटों पर कम वोटिंग का जिम्मेदार कौन?

Lok Sabha Election 2024 Voting: लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र (Vindhya Region) की चार लोकसभा सीटों (Lok Sabha Seat) की मतदान प्रक्रिया दो चरणों में पूरी हो चुकी है. 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग के दौरान सीधी (Sidhi Lok Sabha Seat) और शहडोल लोकसभा सीट में हुआ था. जबकि शुक्रवार 26 अप्रैल को दूसरे चरण (Lok Sabha Elections 2024 Phase 2 Voting) में सतना और रीवा लोकसभा सीट के लिए वोटिंग हुई. इस दौरान विंध्य क्षेत्र की चार सीटों पर वोटिंग प्रतिशत में औसतन 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. सबसे अधिक डाउन फाल सीधी सीट पर 13 प्रतिशत रहा, जबकि सबसे कम गिरावट सतना लोकसभा (Satna Lok Sabha Seat) में 8.77 प्रतिशत दर्ज हुई. वहीं प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम (Deputy Chief Minister of Madhya Pradesh) राजेन्द्र शुक्ल के गढ़ रीवा लोकसभा क्षेत्र (Rewa Lok Sabha Election) में 10.80 फीसदी और शहडोल लोकसभा में 10.05 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.

बड़ा सवाल! क्यों कम हुई वोटिंग?

वोटिंग में आई गिरावट (Decline in Voting) के लिए किसे जिम्मेदार कहा जाए? क्या लगातार हो रहे चुनाव के कारण मतदाताओं का मन ऊब गया? या फिर जनता को राजनीतिक दलों के टिकट वितरण का ट्रेंड पसंद नहीं आया? बहरहाल यह तो जनता जर्नादन ही जाने, लेकिन इस प्रतिशत को देखने के बाद जिला निर्वाचन कार्यालयों की चिंता जरूर बढ़ गई है.

लोकसभा चुनाव में इन चारों सीट पर पिछले साल बंपर वोटिंग हुई थी. 2019 के लोकसभा में सर्वाधिक मतदान शहडोल में 74.73 प्रतिशत हुआ था. वहीं इसके बाद सतना में 70.71 फीसदी, सीधी में 69.50 और रीवा लोकसभा में सबसे कम 60.33 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जबकि इस बार शहडोल और सतना की 60 फीसदी से अधिक वोटिंग का आंकड़ा छू पाए. 2024 के चुनाव में शहडोल में 64.68, सतना में 61.94, सीधी में 56.50 और रीवा में सबसे कम 49.53 प्रतिशत वोटिंग हो पाई.

मौसम की मार या जनता थक गई इस बार

आमतौर पर साठ प्रतिशत की वोटिंग अच्छी मानी जाती है, लेकिन इस बार विंध्य की दो सीटें यह आंकड़ा भी नहीं छू पाईं. ऐसे में सवाल उठता है कि इस कमी का जिम्मेदार कौन है? क्या लगभग 43 डिग्री का तापमान होने के कारण मतदान प्रतिशत यह गिरावट हुई या फिर पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव हुए जिससे मतदाता इस बात से तंग आ गया. वैसे यह सीजन आमतौर पर वैवाहिक कार्यक्रमों, खेती-किसानी के काम और अधिकतम तापमान वाला है. ऐसे में इसे भी कारण माना जा सकता है.

2014 के लोकसभा चुनाव से भी पिछड़े

वोटिंग प्रतिशत (Voting Percentage) के मामले में विंध्य की चारों सीट में इससे कम वोटिंग 2009 लोकसभा चुनाव में हुई थी. 2014 में चारों सीटों का वोटिंग प्रतिशत अपेक्षाकृत अच्छा था. 2014 के चुनाव में शहडोल सीट में सबसे अधिक 62.08 फीसदी, सतना में 62.63 प्रतिशत, सीधी में 57 प्रतिशत और रीवा में 53.74 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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