Potholes on Roads of Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की सड़कों पर हो रहे गड्ढों से हर कोई परेशान है. वहीं अब इन गड्ढों से निपटने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD Department) जल्द ऐप बनाएगा. जिसके माध्यम से लोग गड्ढों की फोटो खींचकर उस पर अपलोड करेंगे और वह फोटो संबंधित इंजीनियर तक पहुंचेगा. जिसके बाद उसे रिपेयर किया जाएगा. लेकिन, NDTV की पड़ताल में यह बात सामने आई कि जिस मद से गड्ढों को भरा जाना है उस मद में राशि ही नहीं है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी विभाग की इस व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.
सड़कों पर हो रहे गड्ढों से कोई शहर अछूता नहीं है. राजधानी भोपाल (Bhopal) की ही कई सड़कों पर गड्ढे दिखाई दे रहे हैं. आए दिन इन गड्ढों की वजह से हादसे हो रहे हैं और लोग घायल हो रहे हैं. विभाग, गड्ढे रिपेयर नहीं होने से परेशान है तो विभागीय मंत्री ने ऐप की मदद से गड्ढे भरने का उपाय सुझाया. पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का मानना है कि इससे आम जनता का सड़कों की रखरखाव से जुड़ाव होगा. साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी.
एनुअल रिपेयर फंड में नहीं हैं पैसे
जब एनडीटीवी की टीम राजधानी भोपाल में निकली और सड़कों का जायजा लिया तो पाया कि कई अहम और खास जगहों के अलावा पुराने भोपाल के कई रोड गड्ढों से भरी है. हमने अपनी पड़ताल में पाया कि पीडब्ल्यूडी विभाग के जिस मद से गड्ढों को रिपेयर करना है, उस मद में फंड ही नहीं है. 'AR 2216' यानी एनुअल रिपेयर मद जीरो है.
पीडब्ल्यूडी विभाग के एनुअल रिपेयर मद 'AR 2216' के बारे में विभाग के एक अहम और खास कर्मचारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वित्त विभाग को 20% राशि रिलीज करने के लिए फाइल भेजी गई है. जैसे ही फाइल स्वीकृत होकर आएगी तो फंड आ जाएगा. उक्त कर्मचारी ने स्वीकार किया कि अभी इस मद में कोई फंड नहीं है. फंड जीरो है. जब वित्त विभाग से आएगा तब मद में पैसा बढ़ पाएगा. अब सवाल यह उठता है कि जब फंड ही नहीं है तो फिर ऐप में फोटो अपलोड करने से क्या होगा?
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