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Hanuman Jayanti : 400 साल पुराना है छींद धाम के बजरंग बली का इतिहास! एक फीट से बढ़कर पांच फीट हो गई प्रतिमा

Hanuman Jayanti  2025 : हनुमान जयंती है. इस दिन का हनुमान भक्त विशेष रूप से इंतजार करते हैं. इस खास मौके पर चलिए जानते हैं ऐतिहासिक और हर मनोकामना पूर्ण करने वाले छींद धाम के हनुमान जी की महिमा के बारे में. बड़ी रोचक और दिलचस्प कहानी यहां के बजरंगी बाबा की.

Hanuman Jayanti : 400 साल पुराना है छींद धाम के बजरंग बली का इतिहास! एक फीट से बढ़कर पांच फीट हो गई प्रतिमा

Chhind Dham Hanuman Temple : हनुमान जयंती के मौके पर जानेंगे छींद धाम वाले बाबा बजरंगी जी के बारे में, बड़ी रोचक कहानी है. बाबा की महिमा और कृपा इतनी है कि यहां भक्तों की लंबी-लंबी कतारे लगी रहती हैं.यह मंदिर एमपी के रायसेन जिले में स्थित है. छींद धाम के बजरंगबली के चमत्कारों की कहानियां सिर्फ किवदंतियां नहीं, बल्कि आज भी जीते-जागते अनुभव हैं. कहा जाता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता. कष्टों का नाश और मनोकामनाओं की पूर्ति, यहीं होती है छींद धाम में. बाबा के धाम की ऐसी माया है कि प्रतिमा बढ़ती जा रही है. पहले बाबा की प्रतिमा एक फीट की थी. अब पांच फीट की है. ये रहस्य है, या चमत्कार है...

मंगलवार और शनिवार भक्तों का सैलाब उमड़ता है

रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 95 किलोमीटर और भोपाल से 130 किलोमीटर दूर, बरेली तहसील में स्थित है, छींद धाम. बजरंगबली का एक ऐसा स्थान जहां हर मंगलवार और शनिवार भक्तों का सैलाब उमड़ता है. भोपाल-जबलपुर रोड पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भोपाल और जबलपुर दोनों ही तरफ से विशेष वाहनों की सुविधा उपलब्ध हैं. भोपाल से यहां आने में तकरीबन तीन घंटे लगते हैं.

यहां चना, गुड़ और नारियल का प्रसाद चढ़ता है

ऐसा माना जाता है कि छींद धाम आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं यहां पत्र या संदेश के माध्यम से भी पूरी हो जाती हैं. यहां चना, गुड़ और नारियल का प्रसाद चढ़ाया जाता है. भक्तों का कहना है कि यहां बिना मांगे भी झोली भर जाती है. बजरंगबली की इस मूर्ति की स्थापना वर्ष 1965 में स्वर्गीय धन्नूलाल रघुवंशी ने की थी. उस वक्त मूर्ति की ऊंचाई सिर्फ एक फीट थी, लेकिन जैसे-जैसे आस्था बढ़ी, चमत्कार बढ़े, वैसे-वैसे मूर्ति भी पांच फीट तक ऊंची हो गई. मंदिर का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना बताया जाता है. आज भी रघुवंशी परिवार के सदस्य मंदिर की सेवा और पूजा-अर्चना में लगे हुए हैं.

ये मंदिर शत्रु नाशक माना जाता है

इस मंदिर की एक और खास बात है-यह दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर है, जो शत्रु नाशक माना जाता है. वहीं, सामने विराजमान हैं राम दरबार. श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ. यहां. आने वाला हर भक्त यश, धन, संतान और स्वास्थ्य की कामनाएं लेकर आता है, और मान्यता है कि सब पूरी होती हैं.

मंगलवार और शनिवार को बढ़ जाती है भक्तों की संख्या

यहां. तक कि असाध्य माने जाने वाले रोग, जैसे टीबी, कैंसर, लकवा और बांझपन भी यहां बजरंगबली की कृपा से दूर हो जाते हैं, जिनकी मुराद पूरी होती है, वे यहां भंडारा कराते हैं, मंगलवार या शनिवार को व्रत रखते हैं और दर्शन करते हैं. हर मंगलवार और शनिवार को सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की कतारें लग जाती हैं.

यहां एक चमत्कारी अनुभव 

"यहां जो भी आता है, उसे बजरंगबली की कृपा ज़रूर मिलती है. हमने खुद कई चमत्कार यहां देखे हैं." "हमारी पीढ़ियां इस मंदिर से जुड़ी हैं. यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, एक चमत्कारी अनुभव है. यहां हर मंगलवार और शनिवार को कुछ न कुछ अद्भुत ज़रूर होता है".

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छींद धाम : बजरंगबली की सच्ची कृपा..

छींद धाम, एक ऐसा आस्था का केंद्र जहां सिर्फ विश्वास नहीं, चमत्कार भी देखने को मिलते हैं. श्रद्धा से भरी आंखों और झोली में उम्मीद लेकर जो यहां आता है, वो खाली नहीं जाता-यही है बजरंगबली की सच्ची कृपा.

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