
Hanuman janamutsav 2025: राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले के डोंगरगढ़ में मूंछ वाले हनुमान जी का मंदिर है. यहां दर्शन मात्र से ही हर मनोकामना पूर्ण होती है. वहीं हनुमान जी के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. यह प्राचीन मंदिर डोंगरगढ़ की महावीर तालाब के पास स्थित है, जिसे राजा महाराजाओं ने स्थापित किया.
मूंछ वाले हनुमान जी मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा अर्चना की जाती है. भक्त बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं और भगवान हनुमानजी की पूजा अर्चना करते हैं. यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना है.
मूंछ वाले हनुमान जी से पूर्ण होती है मनोकामनाएं
मंदिर के पुजारी आशीष शुक्ला ने बताया कि यह मंदिर 150 से 200 साल अधिक पुराना है. मूंछ वाले हनुमानजी डोंगरगढ़ की हृदय स्थल महावीर तालाब के पास विराजमान हैं. यहां जो भक्त आते हैं उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
यहां जन्माष्टमी, हनुमान जयंती, रामनवमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. यह पर्व लगभग डेढ़ सौ साल से अधिक समय से मनाई जा रही है. यहां पर मनोकामना ज्योति भी रखी जाती है.
जानें मूंछ वाले हनुमान जी मंदिर का इतिहास
ऐसा कहा जाता है राजा रजवाड़े के समय तीन हनुमान जी एक सिंगारपुर वाले, एक विचारपुर वाले और तीसरे मूंछ वाले हनुमान जी अपने स्थान पर जाने के लिए निकले थे और वो विश्राम के लिए यहां रुके, जो यहां ही विराजमान हो गए और तभी से तीनों हनुमान जी अपने-अपने स्थान पर विराजमान है. यहां प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को विधि विधान से विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसके अलावा अभिषेक किया जाता है. इस मौके पर भक्त भगवान को सिंदूर, वस्त्र, आदि भेंट करते हैं. मूछ वाले हनुमान जी के दर्शन मात्र से ही भक्तों को लाभ होता है.