
Gwalior Sacks Scam: ग्वालियर जिले में सहकारी संस्थाओं का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. आरोप है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्रशासक, समिति प्रबंधक व सेल्समैन ने मिलकर कई सालों में 641 लाख रुपए का बारदाना बेचकर खा गए. शिकायत पर सहकारिता मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
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राशन उपार्जन के लिए नागरिक आपूर्ति निगम व मार्कफेड द्वारा खाली बारदाना भेजता है
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन समर्थन मूल्य पर फसलों के उपार्जन से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण सहकारी संस्थाओं के जरिए करता है. उपार्जन के लिए नागरिक आपूर्ति निगम एवं मार्कफेड द्वारा खाली बारदाना भेजा जाता है, जबकि पीडीएस दुकानों पर बारदाने में भरकर गेंह, चावल भेजे जाते हैं.
44 समितियों के कर्ता-धर्ताओं ने 5 साल तक भेजे गए गेहूं, चावल का बारदाना नहीं लौटाया
रिपोर्ट के मुताबिक 44 समितियों के कर्ता-धर्ताओं ने वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा पीडीएस दुकानों भेजे गए गेहूं, चावल का बारदाना नहीं लौटाया और बारदाना बेचकर 289.50 लाख रुपए का गबन किया. वहीं, 72 समितियों के 72 कर्मचारी, 10 प्रशासकों पर पीडीएस का बारदाना बेचकर 262.68 लाख का गबन करने का आरोप हैं.
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समितियों के कर्ताधर्ताओं पर 7 सालों में 641.75 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप है
2016 से लेकर 2023 तक बारदाना बेचकर समितियों के कर्ताधर्ताओं पर 641.75 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप है. पूर्व मंत्री ने आरोप लगाए हैं कि बैंक प्रशासक और जिलाधीश द्वारा सहकारिता अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी सहकारिता विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह सहकारिता के घोटाले व गबन में सभी की मिलीभगत होती है.
तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ने जांच के निर्देश दिए लेकिन मामला ठन्डे बस्ते मे चला गया
शिकायत के बाद सहकारिता विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने ग्वालियर प्रवास के दौरान सहकारी समितियों के कुछ अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की. साथ ही जांच के निर्देश दिए लेकिन इसके बाद मामला फिर ठन्डे बस्ते मे चला गया.