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Sacks Scam: ग्वालियर में 641 लाख का बारदाना खा गए अफसर, सहकारिता मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता की शिकायत में खुलासा हुआ कि जिले की 27 सहकारी समितियों के कर्ताधर्ताओं द्वारा वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक गेहूं, धान, सरसों की फसल उपार्जन के लिए भेजे गए बारदाना को वापस न करते हुए 89.39 लाख में बेचकर राशि का बंदरबांट किया गया.

Sacks Scam: ग्वालियर में 641 लाख का बारदाना खा गए अफसर, सहकारिता मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश
Officers ate sacks worth 641 lakh rupees sacks in gwalior

Gwalior Sacks Scam: ग्वालियर जिले में सहकारी संस्थाओं का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. आरोप है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्रशासक, समिति प्रबंधक व सेल्समैन ने मिलकर कई सालों में 641 लाख रुपए का बारदाना बेचकर खा गए. शिकायत पर सहकारिता मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता की शिकायत में खुलासा हुआ कि जिले की 27 सहकारी समितियों के कर्ताधर्ताओं द्वारा वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक गेहूं, धान, सरसों की फसल उपार्जन के लिए भेजे गए बारदाना को वापस न करते हुए 89.39 लाख में बेचकर राशि का बंदरबांट किया गया.

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राशन उपार्जन के लिए नागरिक आपूर्ति निगम व मार्कफेड द्वारा खाली बारदाना भेजता है

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन समर्थन मूल्य पर फसलों के उपार्जन से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण सहकारी संस्थाओं के जरिए करता है. उपार्जन के लिए नागरिक आपूर्ति निगम एवं मार्कफेड द्वारा खाली बारदाना भेजा जाता है, जबकि पीडीएस दुकानों पर बारदाने में भरकर गेंह, चावल भेजे जाते हैं.

44 समितियों के कर्ता-धर्ताओं ने 5 साल तक भेजे गए गेहूं, चावल का बारदाना नहीं लौटाया

रिपोर्ट के मुताबिक 44 समितियों के कर्ता-धर्ताओं ने वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा पीडीएस दुकानों भेजे गए गेहूं, चावल का बारदाना नहीं लौटाया और बारदाना बेचकर 289.50 लाख रुपए का गबन किया. वहीं, 72 समितियों के 72 कर्मचारी, 10 प्रशासकों पर पीडीएस का बारदाना बेचकर 262.68 लाख का गबन करने का आरोप हैं.

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शिकायतकर्ता का कहना हैं कि नियमानुसार यह बारदाना सहकारी समितियों को वापस लौटाना होता है, लेकिन ग्वालियर की 76 सहकारी समितियों ने बारदाना बेचकर न तो राशि समितियों के खाते में जमा कराई और न ही शासन को लौटाई. इस राशि का बंदरबांट किया गया.

समितियों के कर्ताधर्ताओं पर 7 सालों में 641.75 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप है

2016 से लेकर 2023 तक बारदाना बेचकर समितियों के कर्ताधर्ताओं पर 641.75 लाख रुपए का घोटाला करने का आरोप है. पूर्व मंत्री ने आरोप लगाए हैं कि बैंक प्रशासक और जिलाधीश द्वारा सहकारिता अधिकारियों को निर्देश देने के बाद भी सहकारिता विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह सहकारिता के घोटाले व गबन में सभी की मिलीभगत होती है.

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शिकायतकर्ता पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता भगवान सिंह यादव ने कहा कि अपेक्स बैंक एवं सहकारिता आयुक्त कार्यालय के अधिकारी भी घोटाले में शामिल हैं. इस वजह से मामले में न कोई कार्रवाई होती है और ही जांच.

तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ने जांच के निर्देश दिए लेकिन मामला ठन्डे बस्ते मे चला गया

शिकायत के बाद सहकारिता विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने ग्वालियर प्रवास के दौरान सहकारी समितियों के कुछ अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की. साथ ही जांच के निर्देश दिए लेकिन इसके बाद मामला फिर ठन्डे बस्ते मे चला गया. 

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