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रायपुर में शहर से जेल तक अपराध नॉनस्टॉप ! 72 घंटे में 5 कत्ल, जेल में भी कैदी सुरक्षित नहीं

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कानून का इकबाल सवालों के घेरे में है. राजधानी में बीते 72 घंटे में पांच हत्याएं हुई और जेल में बंद कांग्रेस नेता पर जानलेवा हमला हुआ है. जेल में कांग्रेस नेता पर हुए हमले को गैंगवार का नतीजा बताया जा रहा है. रायपुर के अलावा दुर्ग जेल में भी एक हत्या के आरोपी ने आत्महत्या कर ली है.

रायपुर में शहर से जेल तक अपराध नॉनस्टॉप ! 72 घंटे में 5 कत्ल, जेल में भी कैदी सुरक्षित नहीं

Raipur Crime News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कानून का इकबाल सवालों के घेरे में है. राजधानी में बीते 72 घंटे में पांच हत्याएं हुई और जेल में बंद कांग्रेस नेता पर जानलेवा हमला हुआ है. जेल में कांग्रेस नेता पर हुए हमले को गैंगवार का नतीजा बताया जा रहा है. रायपुर के अलावा दुर्ग जेल में भी एक हत्या के आरोपी ने आत्महत्या कर ली है. इससे जेल में सुरक्षा इंतजाम भी सवालों के घेरे में है. दूसरी तरफ इन मामलों को लेकर राज्य की सियासत भी गरमा गई है. आगे बढ़ने से पहले वारदातों पर निगाह डाल लेते हैं.  

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विचाराधीन कैदियों ने किया जानलेवा हमला

राजधानी में बीते 72 घंटे में हुई पांच हत्याओं में से तीन मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चौंकाने वाली बात ये है कि तीनों ही मामलों में हत्या के समय आरोपी नशे में थे. सबसे चौंकाने वाला मामला रायपुर की जेल में हुई हत्या का है. इस हत्याकांड को 17 जुलाई को अंजाम दिया गया. जानकारी के मुताबिक युवा कांग्रेस नेता आशीष शिंदे पर ब्लेड और कटर से जानलेवा हमला हुआ था. हमले में उनके चेहरे, छाती और गले पर गंभीर चोटें आईं. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

उन पर हमला  विचाराधीन कैदी साई,महेश रात्रे और जामवंत ने किया. पुलिस इसे आपसी रंजिश के चलते हुई हत्या मान रही है. हालांकि इस वारदात ने एक बार फिर जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

धारदार हथियारों का जेल के अंदर पहुंचना और गैंगवार की स्थिति बनना जेल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है. दूसरी तरफ जेल प्रशासन ने इन घटनाओं की आंतरिक जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की बात कही है. वैसे एक और आंकड़ा है जो रायपुर में पुलिसिया इंतजाम की कहानी बयां करता है. 

रायपुर में 3 साल 220 हत्याएं

  • 2022 में 75 हत्याएं

  • 2023 में 65 हत्याएं

  • 2024 में 79 हत्याएं

अब इन्हीं वारदातों को लेकर कांग्रेस विष्णु देव साय सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष का कहना है कि भूपेश सरकार के मुकाबले अपराध में कमी दर्ज की गई है. कांग्रेस मीडिया सेल के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला का कहना है-  बीजेपी की सरकार में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है. प्रदेश की राजधानी में 72 घंटे में 5 हत्या की वारदात होती है तो राज्य भर में इसी दौरान 28 हत्या के मामले सामने आए हैं. इस सरकार के दौर में तो जेल भी सुरक्षित नहीं है. सुशील आनंद के वार पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर का कहना है- भूपेश सरकार के दौर में पांच सालों तक एनसीआरबी के डेटा में छत्तीसगढ़ पांचवें नंबर पर था लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं है. हालांकि जो घटनाएं हुई हैं वो चिंताजनक है. सरकार कार्रवाई कर रही है.कई मामलों में एसपी-कलेक्टर का तबादला तक किया गया है. हत्या के संबंध में ज्यादातर मामले आपसे रंजिश के हैं. जाहिर है वारदात होंगे तो इस पर सियासत भी होगी ही लेकिन देखने वाली बात ये है कि गृह विभाग अब कौन से कड़े कदम उठाता है.  

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