
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और उनके स्टाफ की दबंगई का मामला सामने आया है.ग्वालियर के सिटी सेंटर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट में जब उन्हें टेबल नहीं मिली तो वे जमकर बिफर गए. यहां खूब बवाल हुआ. उनके समर्थक भी पहुंच गए. ये विवाद यहीं नहीं रुका. खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुलाकर जांच शुरू करवा दी. इस पूरे मामले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.
होटल मालिक ने नहीं की आवभगत
स्वास्थ्य व चिकित्सा मंत्री रविवार को ग्वालियर के एक निजी आयोजन में शामिल होने के लिए आए थे. इसके बाद सिटी सेंटर में क्वालिटी रेस्टोरेंट में डिनर करने के लिए चले गए. भीड़ ज्यादा होने से और परिचय न होने से होटल मालिक जब आव भगत नहीं कर सके तो मंत्री जी बिफर गए. यहां खूब बवाल हुआ और फिर आधी रात को फ़ूड विभाग ने सेंपलिंग शुरू कर दी.
क्वालिटी रेस्टोरेंट संचालक ने मौके पर पहुंची पुलिस को बताया कि कुछ लोग यहां आए थे, उनमें से एक व्यक्ति ने अपने आप को प्रदेश सरकार का मंत्री बताया. होटल के स्टाफ ने सिर्फ इतना कहा कि नीचे की सारी टेबल बुकिंग हैं आप ऊपर (फर्स्ट फ्लोर) पर टेबल खाली हैं वहां बैठ जाएं. इतना सुनते ही होटल में आए लोगों ने स्टाफ के साथ मारपीट शुरू कर दी.इस विवाद का CCTV फुटेज भी सामने आया है.विवाद करने वाले लोग होटल के किचन तक भी पहुंचे.
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रेस्टोरेंट के स्टाफ ने बदतमीजी की
इस मामले में मंत्री का कहना है कि व मैं ग्वालियर आया तो अस्पताल, एंबुलेंस आदि का निरीक्षण कर कार्रवाई की. इसी क्रम में मैं फूड की जांच के लिए क्वालिटी रेस्टोरेंट गया था. लेकिन रेस्टोरेंट के स्टाफ ने अभद्रता की. जब मुझ मंत्री से इतनी बदतमीजी से पेश आकर दबाव बनाने का काम किया जा रहा है तो अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ये क्या स्थिति करते होंगे? वहीं मंत्री के पीएसओ दीपक सिंह ने बताया मंत्री जी परिवार के साथ खाना खाने गए थे. टेबल नहीं मिली, मैंने ऊपर देखा कि रेस्टारेंट में जगह खाली थी. रेस्टोरेंट का स्टाफ झूठ बोल रहा था. बाद में सूचना देकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर बुला लिए. फूड टीम भी लैब के साथ जांच करने पहुंची.
घटना के दौरान विवाद बढ़ा जिसकी सूचना व्यापारियों को मिली तो मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स और दूसरे व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधि मौके पर पहुंच गए और उन्होंने प्रशासन और पुलिस अफसरों से बात की.तभी एक पुलिस वाहन आया और पुलिसकर्मियों ने रेस्त्रां संचालक कमल को गाड़ी में बिठा लिया, हालांकि व्यापारियों के विरोध पर उन्हें तत्काल छोड़ना पड़ा.
पुलिस बोली- शिकायत मिली है
पुलिसकर्मियों ने कहा कि मंत्री की शिकायत आई है. हालांकि वे लिखित में कुछ नहीं दिखा पाए. वहीं चेंबर के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल ने कहा कि ये सरासर तानाशाही व गुंडागर्दी है. सोमवार को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करेंगे.
पहले भी विवादों में रहे हैं मंत्री
ये पहली बार नहीं है कि जब मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल विवादों में हैं. करीब एक साल पहले मंत्री के बेटे अभिज्ञान पटेल ने भोपाल में तांडव मचाया था. तब मामला हाइलाइट होने पर भोपाल की शाहपुरा थाना पुलिस ने मंत्री बेटे अभिज्ञान पटेल पर एफआईआर दर्ज की थी.विधानसभा सत्र में बेटे पर दर्ज एफआईआर को लेकर मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल खूब रोए थे.
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