Content Credit- Ambu Sharma
                            
            
                            क्या है संथारा प्रथा? इसे लेते ही 3 साल की बच्ची ने त्यागा देह
                            
            
                            
                            
          
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            इंदौर में ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही तीन साल की एक बच्ची को संथारा दिलाया गया और उसने देह त्याग दिया है.
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            इसकी चर्चा पूरे देश में है और हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर ये प्रथा क्या है? 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            आइए हम आपको बताते हैं कि संथारा प्रथा क्या है और इसका जैन धर्म में आखिर क्या महत्व है? 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            जैन धर्म में मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति या मुनि अपनी ज़िंदगी पूरी तरह जी लेता है और शरीर उसका साथ देना छोड़ देता है तो उस वक्त वो संथारा ले सकता है.
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            संथारा को संलेखना भी कहा जाता है संथारा एक धार्मिक संकल्प है. 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            इसके बाद वह व्यक्ति अन्न त्याग करता है और मृत्यु का सामना करता है. 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            संथारा लेने की धार्मिक आज्ञा किसी गृहस्थ और मुनि या साधु को है.
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            जैन ग्रंथों में कहा गया है कि मुश्किल हालातों में, बुढ़ापे में या लंबी बीमारी में कोई व्यक्ति संथारा ले सकता है. 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            धर्म के मुताबिक, धर्मगुरु ही किसी व्यक्ति को संथारा की इजाजत दे सकते हैं. 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            उनकी इजाजत के बाद वो व्यक्ति अन्न त्याग करता है. उस व्यक्ति के आसपास धर्मग्रंथ का पाठ किया जाता है और प्रवचन होता है. 
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            जिसने संथारा लिया है, उस व्यक्ति की मृत्यु को समाधि मृत्यु कहा जाता है.
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
            
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                            यहां स्थित है पांच हजार साल पुराना अद्भूत मंदिर, जानें शिवलिंग के रहस्य
                            
            
                            
                            
          
         
                                   
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