Guru Ghasidas National Park Chhattisgarh: मध्य प्रदेश के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान नेशनल पार्क से लगे सिंगरौली के जंगल (Singrauli Forest) में बाघों (Tiger) की चहल कदमी के सबूत मिलने के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों को सावधान रहने की हिदायत दी है. अधिकारियों ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क की ओर बाघ के जाने की आशंका व्यक्त की है.
इसके साथ ही वन विभाग ने आसपास के जंगलों से लगे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को बिना वजह जंगल की ओर नहीं जाने की हिदायत दी है. वहीं, जरूरत पड़ने पर जंगल की ओर जाने पर सावधानी बरतने के लिए भी कहा गया है. दरअसल, यहां सप्ताह भर पहले सीमावर्ती चांदनी बिहारपुर के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में बाघ दिखाई दिए जाने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे उद्यान अधिकारियों ने फुट प्रिंट को देखने के बाद जंगल में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है.
यहां पहले भी आते रहे हैं बाघ
सूरजपुर जिले के सीमावर्ती मध्य प्रदेश के संजय गांधी टाइगर रिजर्व में बाघ के आमद-रफ्त की जानकारी मिलती रहती है. एक वर्ष पहले भी इसी रास्ते पहुंचे एक बाघ के सरगुजा के अलग-अलग जंगलों में दिखाई देने की बातें भी सामने आई थी. इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ के पलामू टाइगर रिजर्व निकल जाने की जानकारी दी थी. ठीक इसी दौरान एक बाघिन के आने की जानकारी मिली थी, जिसके हमले में दो ग्रामीणों की मौत भी हो गई थी. हालांकि इस दौरान बाघिन भी घायल हो गई थी, जिसका रेस्क्यू कर इलाज के लिए ले जाया गया था.
जंगल में छोड़े गए शाकाहारी वन्य जीव
क्षेत्र में बाघ की आहट को लेकर उद्यान के अधिकारियों ने गुरुघासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला अभ्यारण्य में बड़ी संख्या में शाकाहारी वन्य जीवों को छोड़ा है, ताकि भूखे होने की स्थिति में बाघ जंगल में ही उसके भोजन मिल सके और बाघ रिहायसी इलाके या जंगल किनारे बसे गावों की ओर रुख न करे.
ग्रामीणों में भय का माहौल
बाघ के आहट से क्षेत्र में दहशत का माहौल है. बाघ के गुरु घासीदास नेशनल पार्क की ओर जाने की जानकारी के बाद जंगल किनारे रहने वाले गांवों के लोग डरे हुए हैं. दरअसल, गुरुघासीदास अभ्यारण्य के घने जंगलों के बीच में एक बड़ी आबादी निवास करती है. जहां सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर, उमझर छतरंग, लुल्ह, तेलाइपाठ, रसोकी , मोहली, कच्छवारी, खोहिर, बैजनपाठ, जैसे गांव जंगल से लगे हुए हैं.
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निगरानी का काम कर रही है वन विभाग की टीम
राष्ट्रीय उद्यान गुरु घासीदास के रेंजर ललित पैकरा ने NDTV को बताया कि विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जो लगातार निगरानी का काम कर रही है. बाघ के मूवमेंट की संभावना को देखते हुए उद्यान क्षेत्र से लगे ग्रामीणों को भी लगातार सतर्क किया जा रहा है.
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