Water Problems in School: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कुपोषित जिलों की श्रेणी में शामिल उमरिया (Umairya) में सुपोषण के नाम पर दो विभागों के बीच का बड़ा घोटाला सामने आया. पहले पीएचई विभाग (PHE Department) ने जलजीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत जिले में पंजीकृत कुल 786 आंगनबाड़ी केन्द्रों (Anganwadi Centers) में से 520 में नल कनेक्शन, पानी टंकी और बोरवेल में मोटर लगवा दी. फिर इनके संचालन के लिए बिजली का इंतजाम भी किया. इधर, सालों बीत गए, लेकिन मात्र 280 केन्द्रों में ही बिजली लग पाई. शेष आंगनबाड़ी केन्द्रों में मासूम नौनिहान 45 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में तपते रहे.
विभाग ने किया आरोप से इंकार
अूधरी कार्ययोजना को लेकर जब महिला एवं बाल विकास विभाग से सवाल जवाब किया गया, तो अधिकारी इसको लेकर अपना पल्ला झाड़ते हुए फाइल भोपाल भेजने की बात कहते हुए नजर आए. वहीं, दूसरी तरफ पीएचई विभाग निर्माण एजेंसियों को करोड़ों रुपए का भुगतान भी कर चुका है, लेकिन नौनिहाल बच्चों को शासन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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पंखा है, लेकिन बिजली गायब
आंगनबाड़ी केंद्र की खस्ता हालत को लेकर एक महिला कार्यकर्ता का कहना था कि केंद्र में वैसे तो हर कक्षा में पंखा लटका हुआ है, लेकिन इसमें बिजली नहीं आता है. तपती गर्मी में बच्चों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी बहुत परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि एक साल पहले बच्चों को पानी पिलाने के लिए मोटर और नल लगाए गए, लेकिन अब तक बिजली का कनेक्शन यहां नहीं पहुंचा है.
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