
Archana Tiwari recovered: भोपाल में नर्मदा एक्सप्रेस से 7 अगस्त को रहस्यमयी तरीके से लापता अर्चना तिवारी को 13वें दिन उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पलियाकलां स्थित नेपाल बार्डर के पास से रानी कमलापति थाना के जीआरपी ने बरामद कर लिया है. पुलिस अर्चना को प्लेन से लेकर आज अल सुबह भोपाल पहुंच गई है, जहां अर्चना से जीआरपी की टीम पूछताछ करेगी. इस पूछताछ में कई रहस्यों से पर्दा हटेगा. अर्चना मंगलवार की सुबह अपनी मां को फोन कर सुरक्षित होने की जानकारी दी थी. इसकी जानकारी अर्चना तिवारी के भाई दिव्यांशु मिश्रा ने एनडीटीवी को दी.
अर्चना तिवारी केस में आज दोपहर होगा बड़ा खुलासा
इस मामले का खुलसा करने से पहले पुलिस अर्चना से पूछताछ करेगी और उन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेगी जिनके जवाब पुलिस के पास भी नहीं है. बता दें कि मामले का खुलसा अमित कुमार लोढ़ा आज दोपहर 12 तक कर सकते हैं.
अर्चना से एक तरफा प्रेम करता था आरक्षक
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरक्षक का अर्चना के गायब होने से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है. आरक्षक द्वारा दो चार बार केस के संदर्भ में बात की गई है. हालांकि उसने ही अर्चना का टिकट कराया. सूत्रों से जानकारी मिली है कि,आरक्षक राम अर्चना से एक तरफा प्रेम करता था.अर्चना अकेली ही थी और उसके साथ कोई मौजूद नहीं था.
कैसे अर्चना तक पहुंची की GRP टीम?
अर्चना तिवारी 7 अगस्त को हॉस्टल से घर के लिए इंदौर-बिलासपुर जाने वाली नर्मदा एक्सप्रेस से निकली. भोपाल पहुंचने पर अर्चना ने अपनी चाची से बात की. वहीं ट्रेन 8 अगस्त की सुबह 6:50 बजे कटनी स्टेशन पहुंची, लेकिन वो उतरी नहीं. जिसके बाद परिवार वालों ने अर्चना की खोजबीन शुरू की. इस दौरान अर्चना का बैग ट्रेन की बर्थ पर मिला, जिसके बाद परिजनों ने जीआरपी में मामला दर्ज करवाया.
मामला दर्ज होने के बाद GRP की टीम जांच में जुट गई. 9 अगस्त को पुलिस CCTV फुटेज की तलाशी ली. जांच के दौरान पता चला कि अर्चना तिवारी का नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से सफर इंदौर से शुरू हुआ जो भोपाल होते हुए इटारसी पहुंची. इटारसी पर ही अर्चना की आखिरी लोकेशन था.
12 अगस्त को GRP की टीम इटारसी पहुंची और इलाके में तलाशी ली. इसके बाद 13 अगस्त को नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन और नर्मदा नदी के आसपास तलाशी ली गई. इसके बाद 15 अगस्त को भोपाल से कटनी के बीच खोजबीन हुई, लेकिन 7 दिन बाद भी वो नहीं मिली.
इसके बाद 18 अगस्त को GRP की टीम की ट्रैक और जंगल की तलाशी ली. हालांकि इस बीच पुलिस के हाथ कई अहम सबूत लगे और अर्चना का कनेक्शन ग्वालियर जा जुड़ा. दरअसल, जांच-पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला कि ग्वालियर का एक आरक्षक अर्चना तिवारी का इंदौर-ग्वालियर यात्रा के लिए बस का टिकट बुक कराया है.
संदेही आरक्षक बोला- 'मैं अर्चना से नहीं मिला'
पुलिस 19 अगस्त को भंवरपुरा थाने में पदस्थ आरक्षक राम तोमर को धर-दबोचा और पूछताछ की. इश दौरान पुलिस ने आरक्षक का मोबाइल जब्त कर उसकी फॉरेनसिक जांच कराने के लिए भेज दिया. पूछताछ के दौरान राम तोमर ने बताया कि वह अर्चना से संपर्क में था, लेकिन वो उससे कभी मिला नहीं है, उससे सिर्फ मोबाइल पर ही बातचीत होती थी.
अर्चना खुद मां को फोन कर बताया- 'वो सुरक्षित है'
हालांकि इस बीच मंगलवार की सुबह अर्चना ने खुद मां को फोन कर अपनी लोकेशन बतायी. इस दौरान वो अपनी मां से बताया कि वो पूरी तरह से सुरक्षित है, जिसके बाद रानी कमलापति थाना से जीआरपी की एक विशेष टीम अर्चना तिवारी को बरामद करने के लिए रवाना हुई और आखिरकार गुमशुदगी के 13वें दिन GRP की टीम ने अर्चना को नेपाल बॉर्डर के पास उतर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया.
ग्वालियर के एडिशनल एसपी कृष्ण लाल चंदानी ने बताया कि आरक्षक राम तोमर काफी समय से अर्चना तिवारी के संपर्क में था और उसने उसके ग्वालियर आने के लिए बस का एक टिकट भी कराया था. हालांकि उस टिकट पर अर्चना ने यात्रा नहीं की. अर्चना दूसरे दिन यानी की 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस से इंदौर से कटनी के लिए रवाना हुई थी, लेकिन यात्रा के दौरान अर्चना रहस्यमयी ढंग से भोपाल के पास से लापता हो गई थी. भोपाल के बाद उनका मोबाइल भी बंद हो गया था.
ये भी पढ़े: आखिरकार मिल गई अर्चना तिवारी, गुमशुदगी के 13वें दिन मां को फोन कर बताया लोकेशन, रवाना हुई GRP की टीम