
Chhattisgarh cabinet expanded: छत्तीसगढ़ के आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब परिवार सहित राजभवन पहुंचे और साय कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली. इसके अलावा दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव और अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल को भी राज्यपाल रमेन डेका ने मंत्री पद की शपथ दिलाई. आइए इनके राजनीतिक सफर के बारे में जानते हैं.
कौन हैं गुरु खुशवंत साहेब?
खुशवंत साहेब छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के आरंग से विधायक हैं और वो धर्मगुरु बाल दास के बेटे हैं. खुशवंत साहेब का पूरा नाम गुरु खुशवंत दास साहेब गुरु गोसाई है. उनका जन्म 27 मार्च 1989 को हुआ था. उन्होंने 2017 में मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर से एम.टेक.की पढ़ाई पूरी की.
कैसा है खुशवंत साहेब का राजनीतिक सफर
राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले वो कृषि और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी ज्वाइन की थी. दरअसल, खुशवंत साहेब रायपुर जिले की आरंग विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव-2023 में पहली बार विधायक बने थे. वो बीजेपी की टिकट पर आरंग से पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे थे. उन्होंने सीटिंग विधायक और कांग्रेस के सीनियर मंत्री शिवकुमार डहरिया को 16 हजार 538 वोटों से हराया था. बता दें कि विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले ही खुशवंत साहेब और उनके पिता गुरु बाल दास कांग्रेस से नाराज होकर इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे.
गजेंद्र यादव का ऐसा है राजनीतिक सफर?
दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव का जन्म 15 जुलाई 1978 को हुआ था और वो गआरएसएस के संघ प्रमुख बिसरा राम यादव के बेटे हैं. उनका बचपन साधारण किसान परिवार में बीता. उन्होंने पढ़ाई की शुरुआत दुर्ग के मारवाड़ी विद्यालय से की. इसके बाद आगे की शिक्षा साइंस कॉलेज दुर्ग से पूरी की है. इसके बाद भिलाई में फिटर ट्रेड से आईटीआई की पढ़ाई भी की. फिर पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की.
गजेंद्र यादव महज 21 साल की उम्र में मध्य प्रदेश के विभाजन के समय सबसे कम उम्र के पार्षद बने. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता अरुण बोरा को लगभग 50 हजार से वोटों से मात दी थी.
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