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MP News: 'सागर' में ग्रामीणों ने कर दिखाया बड़ा कमाल, अब हरियाली से लहलहा रही है वीरान रहने वाली पहाड़ी

Environment News: पर्यावरण को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) जिले से एक अच्छी खबर है. यहां छह गांव के ग्रामीणों ने मिलकर सामूहिक भागीदारी की मिसाल पेश की है. दरअसल, इन लोगों ने विरान पड़ी पहाड़ी पर घना जंगल तैयार कर दिया है. पढ़ें कि ग्रामीणों ने ये सब कैसे किया?

MP News: 'सागर' में ग्रामीणों ने कर दिखाया बड़ा कमाल, अब हरियाली से लहलहा रही है वीरान रहने वाली पहाड़ी
सागर में 36 सालों तक 6 गांव के लोगों ने सहेजा जंगल ,अब वीरान पहाड़ी पर लहलहा रही है हरियाली.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर जिले के ग्रामीणों ने पर्यावरण (Environment) के विकास और वन्य क्षेत्र (Forest Area) के विस्तार की दिशा में बड़ा काम किया है. कहते हैं न कि मन में अगर कुछ करने की इच्छा हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं. 6 गांव के ग्राणीणों ने मिलकर ऐसे ही नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है.

दरअसल, यहां कभी हरा-भरा जंगल हुआ करता था, लेकिन बाद में पेड़ों की बड़े पैमानें पर कटाई होने की वजह से ये पहाड़ी वीरान हो गई. इसके बाद 6 गांव के ग्रामीणों ने 36 सालों तक लगातार मेहनत की. अब वीरान पड़ी पहाड़ी को हरियाली से युक्त करके मिसाल पेश कर दी गई है. लिहाजा, अब यहां हराभरा जंगल लहलहा रहा है.

'दिन-रात की रखवाली'

ये कहानी है सागर जिले से लगे आमेट गांव की. जहां इस वक्त 4 हजार हेक्टेयर में घना जंगल है. ये जंगल उन 6 गांव के लोगों की मेहनत से लहलहा रहा है, जिन्होंने वन समितियां बनाकर दिन रात इस जंगल की रखवाली की और इसे इस स्थिति तक पहुंचाया. 

'पहले कुल्हाड़ी के बेंट तक के लिए नहीं मिलती थी लकड़ी' 

इस जंगल के बारे में आमेट गांव के लोग बताते हैं कि आज से लगभग 30 साल पहले यहां कुछ नहीं बचा था. लोगों को कुल्हाड़ी की बेट तक के लिए लकड़ी नहीं मिलती थी. यहां पर केवल वीरान और बंजर पहाड़ी थी, जिस पर छोटे-छोटे झाड़ थे. तब इस गांव और आसपास के लोगों ने इस वीरान पहाड़ी और बंजर भूमि को सहेजने के बारे में सोचा ओर यहां वृक्षारोपण कर छोटे-छोटे झाड़ों की रखवाली करना शुरू कर दिया. इनकी कड़ी मेहनत की वजह से धीरे-धीरे नए पेड़ों का विकास होता चला गया. 

'सागौन का वृक्षारोपण करवाया'

सड़क के दोनों तरफ तैयार किए गए घने नए पेड़.

सड़क के दोनों तरफ तैयार किए गए घने नए पेड़.

ग्रामीणों के इस कार्य में वन विभाग ने भी सहयोग कर यहां सागौन का वृक्षारोपण करवाया. वन समितियां बनाकर ग्रामीणों को ही पेड़ों की रक्षा का भार सौंपा गया. परिणाम स्वरूप आज यह इलाका सघन वन में बदल गया है. अब प्रशासन की योजना इस पहाड़ी को ओर भी हरित करने की है. दक्षिण मंडल के वन मंडलाधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह संयुक्त वन प्रबंधन का जीता जागता उदाहरण है, जिसमें प्रशासन और ग्रामीणों ने मिलकर एक विरान पहाड़ी को घने जंगल में तब्दील कर दिया है. उन्होंने कहा कि वन विभाग ग्रामीणों के सहयोग से जंगल के विकास में निरंतर लगा हुआ है.

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अब लहलहा रहा है हरा भरा जंगल

आमेट और आसपास गांव के ग्रामीणों ने इस जंगल को खड़ा करने में काफी लगन और मेहनत से काम किया. जंगल को बचाने के लिए ग्रामीण पेड़ काटने वालों से भी भिड़े. दिन-रात यहां की रखवाली की, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां इस जंगल को देख सकें. अब हरा-भरा जंगल देखकर ग्रामीण आनंदित हो रहे हैं.

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