Gaurav Gurjar Murder Case: मध्य प्रदेश के भिंड में गौरव गुर्जर हत्याकांड लगातार सुर्खियों में है. पेशाब करने से रोकने पर हुई कहासुनी से शुरू हुआ यह मामला अब बड़े राजनीतिक कनेक्शन के कारण और भी गंभीर हो गया है. जांच में सामने आया है कि कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला के समधी जेपी कांकर, जो इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी है, उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि बेहद खतरनाक है. पुलिस और मीडिया की पड़ताल में उसके खिलाफ 13 से अधिक गंभीर अपराध सामने आए हैं.
मुख्य आरोपी जेपी कांकर और उसकी हिस्ट्री
कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला के समधी जेपी कांकर का नाम इस मामले में सबसे पहले सामने आया. पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि वह पिछले 19 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है. हत्या, हत्या के प्रयास, रासुका, बंधक बनाना और मारपीट जैसे कई गंभीर केस उसके नाम पर दर्ज हैं. यह भी सामने आया कि उसे गुंडा सूची में शामिल कर जिलाबदर तक किया जा चुका है.
2006 से शुरू हुई अपराध की कहानी
पहला केस 2006 में दर्ज हुआ था जब उसने एक युवक को रास्ता रोककर बंधक बनाया और मारपीट की. यही वह घटना थी जब पहली बार पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम लिखा गया. इसके बाद उसका अपराध लगातार बढ़ता गया.
गोलीबारी और हत्या का प्रयास
2007 में अटेर रोड पर हुए एक विवाद में जेपी कांकर पर गोली चलाने का आरोप लगा. पुलिस ने उस पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया. जेल से आने के बाद भी उसके रवैए में कोई बदलाव नहीं आया और 2010 में वह फिर मारपीट की घटना में पकड़ा गया.
2012 से 2019 तक कई गंभीर मामले दर्ज
2012 में एक युवक को गोली मारने का मामला दर्ज हुआ. 2013 में हत्या के प्रयास में उसका नाम आया और उसी साल उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) की कार्रवाई हुई. 2019 में भिंड पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम एक हत्या के मामले में भी आया.
2020 में SC-ST एक्ट के तहत दर्ज हुआ मामला
वर्ष 2020 में जेपी कांकर पर एक दलित युवक से जुड़े मामले में SC-ST एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया. यह उसकी लगातार बढ़ती दबंगई का एक और उदाहरण था.

दबंगई का पहला बड़ा केस: 10 हजार की उधारी से 1 लाख की वसूली
1 जनवरी 2025 को उसके खिलाफ एक और गंभीर मामला दर्ज हुआ. आरोप था कि मात्र 10 हजार की उधारी को 1 लाख बताकर वसूली की गई. न देने पर गाली-गलौज, धमकी और मारपीट की गई. यह केस भी पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद है.
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दूसरी घटना: दीवार हटाने पर विवाद और बंदूक दिखाकर धमकी
मुरलीपुरा के कमलेश जाटव की शिकायत में जेपी कांकर और उसके साथी बसंत शर्मा पर आरोप लगा कि दीवार हटाने को लेकर विवाद किया और फिर 50 हजार रुपये की मांग की. इतना ही नहीं, उसने कथित तौर पर घर खाली न करने पर कमलेश के सीने पर बंदूक तक रख दी.
गौरव गुर्जर हत्याकांड का दूसरा आरोपी– सुनील कांकर
इस मामले का दूसरा आरोपी सुनील कांकर है, जो वार्ड क्रमांक 1 का पार्षद पति है. उसके ऊपर भी कुल 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें तीन केस 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) से जुड़े हैं. स्थानीय राजनीति में उसकी अच्छी पकड़ बताई जाती है, इसी वजह से वह लंबे समय से विवादों में घिरा रहा है.
तीसरा आरोपी – दीपू बौहरे, जो हाल ही में जेल से छूटा
तीसरा आरोपी दीपू बौहरे भी अपराध की दुनिया में नया नहीं है. एक 11 साल के बच्चे की हत्या के मामले में कोर्ट ने उसे दोषी माना था. बाद में उसे हाई कोर्ट से जमानत मिली और वह हाल ही में जेल से बाहर आया था.
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गौरव गुर्जर हत्याकांड – कैसे भड़का विवाद?
30 नवंबर की रात लगभग 9:15 बजे तीन युवक कार से उतरकर सड़क किनारे पेशाब कर रहे थे. उसी समय गौरव गुर्जर शादी समारोह में जा रहा था. उसने युवकों को किनारे पेशाब न करने की सलाह दी. इस पर कहासुनी शुरू हो गई. आरोप है कि आरोपी जेपी कांकर बार-बार “मैं मंत्री का समधी हूँ” कहकर धमकाता रहा.
राजनैतिक रसूख दिखाते हुए चली गोली
विवाद बढ़ा तो आरोपियों ने कार से हथियार निकाला और गौरव पर गोली चला दी. गोली उसके पेट में लगी. परिजन उसे ग्वालियर ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. भाई का कहना है, “हमने सिर्फ इतना कहा था कि रास्ते में पेशाब मत करो, लेकिन उन्होंने गाली दी और सीधे गोली चला दी.”
आरोपियों की गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई
हत्याकांड के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए. हालांकि पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को पकड़ लिया है. जांच टीम अब उनके पुराने रिकॉर्ड भी खंगाल रही है, क्योंकि यह मामला सिर्फ हत्या का नहीं बल्कि राजनीतिक संरक्षण और दबंगई का भी है.