
Nuclear Power Plant:मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही मध्य प्रदेश के चार जिलों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने जा रही है. ये चार जिले हैं- नीमच,देवास,सिवनी और शिवपुरी.इसके लिए कुछ जगहों पर तो बकायदा सर्वे भी पूरा कर लिया गया है. ये संभवत: पहली बार होगा कि राज्य में बिजली उत्पादन के लिए इतने बड़े पैमाने पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे. बताया जा रहा है कि शिवपुरी जिले की नरवर तहसील के तहत आने वाले भीमपुर गांव में एक परमाणु संयंत्र को लगाया जाना फाइनल हो चुका है. ये जगह मणिखेड़ा डैम के पास है. इसके लिए संसाधन जुटाए जाने की कवायद भी शुरू हो गई है. डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी ने इस संबंध में बकायदा न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCIL) के चेयरमैन को इस संबंध में पत्र लिखा है. NDTV के पास इस पत्र की कॉपी मौजूद है.

डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की ओर से जारी पत्र जिसमें शिवपुरी में न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाए जाने की बात कही गई है.
शिवपुरी में परमाणु ऊर्जा संयंत्र क्यों?
शिवपुरी के भीमपुर गांव में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने की सबसे बड़ी वजह यहां की लोकेशन है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि परमाणु संयंत्र संचालित करने के लिए उसके आसपास अपेक्षाकृत ठंडा माहौल होना चाहिए और इसके साथ ही पानी भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए. भीमपुर गांव इन दोनों शर्तों को पूरा करता है. यहां आमतौर पर तापमान कम रहता है और मणि खेड़ा डैम मौजूद होने की वजह से पानी भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. इन्हीं वजहों से इस स्थान का चयन किया गया है. NPCIL से सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लेकर अपडेट देने को कहा है.
प्रदेश में और कहां बनेंगे ऐसे पावर प्लांट?
शिवपुरी के अलावा मंडला जिले के चुटका भी ऐसा ही प्लांट बनाए जाने की चर्चा है. ये इलाका कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पास है. इस परियोजना की क्षमता 1400 मेगावाट होगी.इसके अलावा नीमच, देवास और सिवनी में भी प्लांट बनाए जा सकते हैं. शिवपुरी में प्लांट बनाए जाने की चर्चा एक दशक पहले भी हुई थी लेकिन वो परवान नहीं चढ़ पाई थी. तब कहा गया था कि यहां बनने वाले प्लांट से 2800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है. नए सिरे से बनी योजना में बिजली उत्पादन की कितनी क्षमता होगी फिलहाल इसका पता नहीं चला है. जानकारों का दावा है कि इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य 2-3 साल में शुरू हो सकता है.
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