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This Article is From Jan 20, 2025

एक महीना बीता...कहां है भ्रष्ट धनकुबेर सौरभ शर्मा ? 52 किलो सोना किसका ये भी पता नहीं चला

Saurabh Sharma News: मध्यप्रदेश में करोड़ों की काली कमाई का कथित सरगना, परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा कहां है? तीन केंद्रीय और एक राज्य की जांच एजेंसी, छापे के महीना भर बीत जाने के बाद इस सवाल का जवाब ढूंढ नहीं पाई हैं...इस बीच उसके वकील ने कहा है कि यदि जान की गारंटी हो तो सौरभ शर्मा हाजिर हो जाएगा और जांच एजेंसियों को सहयोग करेगा.

एक महीना बीता...कहां है भ्रष्ट धनकुबेर सौरभ शर्मा ? 52 किलो सोना किसका ये भी पता नहीं चला

Saurabh Sharma Corruption Case: मध्यप्रदेश में करोड़ों की काली कमाई का कथित सरगना और परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा कहां है? दो केंद्रीय और एक राज्य की एक जांच एजेंसी, छापे के महीना भर बीत जाने के बाद भी इस सवाल का जवाब ढूंढ नहीं पाई हैं . लगता है कि इन एजेंसियों के हाथ सौरभ शर्मा के गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. खुद लोकायुक्त पुलिस के डीजी जयदीप प्रसाद का कहना है कि उन्हें सौरभ के लोकेशन की जानकारी नहीं है. इसके बारे में अभी जानकारी जुटाई जा रही है.  दूसरी तरफ राज्य में उसके नाम पर सियासत भी खूब हो रही है. कांग्रेस का वार और बीजेपी का पलटवार जारी है. इन सबके बीच सौरभ के वकील का कहना है उसके मुवक्किल की जान को खतरा है, इसी वजह से वो सामने नहीं आ रहा है. 

बीते दिन यानी रविवार को ED ने एक बार फिर से सौरभ शर्मा के करीबियों के यहां छापे मारी की.  भोपाल, ग्वालियर और महाराष्ट्र के पुणे में की गई इस छापेमारी में 12 लाख रुपये नकद और 9.9 किलोग्राम चांदी और डिजिटल डिवाइस की बरामदगी हुई है. इसके अलावा बैंक खातों में भी 30 लाख की संदिग्ध राशि को जब्त किया गया है. जाहिर है जांच एजेंसियां लगातार एक्शन में हैं लेकिन खुद सौरभ शर्मा भारत में है या फिर विदेश में इसकी सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है. बता दें कि महीने भर पहले भोपाल में एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ की नकदी बरामद हुई थी. इसी के बाद से सौरभ शर्मा सुर्खियों में है. 

सरकारी डॉक्टर थे सौरभ के पिता

बता दें कि सौरभ के पिता सरकारी डॉक्टर थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में जगह खाली ना होने की वजह से परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली. कुछ कागजातों के हवाले से ये कहा जा रहा है सूबे के कद्दावर मंत्रियों, अधिकारियों ने उसकी सिफारिश की. सरकारी मुलाज़िम बनकर उसने सिर्फ 2016 से 2023 तक सिर्फ सात साल काम किया. इन्हीं 7 सालों में उसने अकूत संपत्ति जोड़ ली . हालांकि उसकी असल कहानी शुरू हुई एक महीने पहले भोपाल में पड़े लोकायुक्त पुलिस के छापों के बाद से. उस समय भोपाल के पास ही जंगल में एक कार भी मिली जिसमें करोड़ों की नगदी और 52 किलो सोना था. जिसके बाद मामले में आयकर विभाग भी आ गया. दोनों एजेंसियां कार्रवाई कर ही रही थी कि ED ने भी अपनी जांच शुरू कर दी. बीते एक महीने से तीनों ही एजेंसियां इस मामले में सक्रिय हैं. 

52 किलो सोना किसका, ये भी पता नहीं चला

वैसे सौरभ शर्मा के काले साम्राज्य में गोल्डन कार की भूमिका बड़ी अहम है.गोल्डन कार को भोपाल पुलिस की मदद से आयकर विभाग ने बरामद किया था. गोल्डन कार चेतन गौर के नाम से रजिस्टर्ड है. गौर सौरभ का अच्छा दोस्त है और जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर चुकी हैं.

मगर ये रहस्य अभी भी बरकरार है कि गोल्डन कार में रखी नगदी और 52 किलो सोना किसका था? जिस फार्म हाऊस पर कार मिली वो सौरभ के रिश्तेदार विनय हासवानी का है. विनय हासवानी के पार्टनर के के अरोरा के ठिकानों पर ग्वालियर में शुक्रवार को ईडी के छापे पड़े. बताया जा रहा है कि सौरभ शर्मा के साम्राज्य औऱ गोल्डन कार से जुड़े अहम दस्तावेज़ मिले हैं.

कांग्रेस का वार, बीजेपी का पलटवार

दूसरी तरफ सौरभ शर्मा के नाम पर मध्य प्रदेश की सियासत भी गरम हो गई है. कांग्रेस ने उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सौरभ को जांच एजेंसियां क्यों नहीं पकड़ पा रही है? उन्होंने पूर्व परिवहन मंत्री पर आरोप लगाया तो पूर्व मंत्री ने कटारे को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. हेमंत कटारे का कहना है कि ये पुलिस इंटेलिजेंस की विफलता है. वे आज तक ये नहीं बता पाए कि सौरभ शर्मा दुबई में है या फिर दिल्ली या फिर पंजाब में? इसकी दो ही वजहें हो सकती हैं.  पहला ये की हमारी पुलिस विफल है और दूसरा ये कि सौरभ को भूपेन्द्र सिंह जैसे बड़े नेताओं की संरक्षण हैं. ये नेता नहीं चाहते कि उनका पोल खुल जाए. 

हेमंत कटारे के वार पर खुद पूर्व परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पलटवार किया है. उनका कहना है कि कोई किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रहा है. सभी एजेंसियां जांच कर रही हैं. सरकार तो सभी आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए  प्रतिबद्ध है लेकिन कुछ लोग पत्रकार वार्ता करके जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.

वे मामले को डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि असली आरोपी बच जाए.  

ये पैसा सौरभ का नहीं, उसकी जान को खतरा है: वकील

 उधर सौरभ के वकील राकेश पाराशर का कहना है ये पैसा रसूखदारों का है, सौरभ लौटा तो उसकी जान को खतरा है. राकेश का कहना है कि यदि हमें गांरटी दी जाती है कि हमारी जान को कोई खतरा नहीं है तो हम  एजेंसियों के सामने आयेंगे औऱ सारी बातों को साफ कर देंगे. वकील का कहना है कि सारा कुछ बड़े लोगों का किया-धरा है और इसे छोटे लोगों पर डाला जा रहा है. मैं मोहन यादव सरकार से गुजारिश करता हूं कि सबसे पहले सौरभ शर्मा को सुरक्षा दी जाए. तभी इस मामले के मुख्य आरोपी का नाम सामने आएगा. सौरभ की जान को खतरा है इसलिए हम सुरक्षा मांग रहे हैं. 

दिल्ली या आसपास के इलाके में हो सकता है: सूत्र

दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि सौरभ शर्मा मध्यप्रदेश नहीं बल्कि दिल्ली औरआसपास के शहरों में हो सकता है. वो बेंगलुरू के दो मोबाइल सिम के जरिए अपने परिजनों के संपर्क में है. बताया जा रहा है कि सौरभ के घर नाम बंटी है. वो अपने फोन कॉल में इसी नाम से अपने परिजनों से बात करता है. यानी उसके परिजनों को पता हो सकता है कि कि सौरभ कहां है? फिलहाल जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा के कनेक्शन में कुछ पूर्व अधिकारियों की कुंडली भी तलाश रही हैं. 
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