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This Article is From Feb 28, 2024

बारिश की मार झेल रहे किसानों ने बयां किया दर्द, कहा- खेतों में सर्वे के लिए नहीं आता कोई अधिकारी 

पहले कोहरा और अब बिन मौसम बारिश की मार से मध्य प्रदेश के किसानों की कमर टूटने लगी है. किसान अपनी फसल को लेकर अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं. अधिकारी भी किसानों को सर्वे का भरोसा दिला रहे हैं....लेकिन इन सब के बीच जब NDTV ने खंडवा ज़िले में जाकर सच्चाई जानने की कोशिश की तो सच अधिकारियों की ज़बान के एकदम उलट नजर आया.

बारिश की मार झेल रहे किसानों ने बयां किया दर्द, कहा- खेतों में सर्वे के लिए नहीं आता कोई अधिकारी 
बारिश की मार झेल रहे किसानों ने बयां किया दर्द, कहा- खेतों में सर्वे के लिए नहीं आता कोई अधिकारी

पहले कोहरा और अब बिन मौसम बारिश की मार से मध्य प्रदेश के किसानों की कमर टूटने लगी है. किसान अपनी फसल को लेकर अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं. अधिकारी भी किसानों को सर्वे का भरोसा दिला रहे हैं....लेकिन इन सब के बीच जब NDTV ने खंडवा ज़िले में जाकर सच्चाई जानने की कोशिश की तो सच अधिकारियों की ज़बान के एकदम उलट नजर आया. अधिकारी ये कहते हुए नज़र आए कि हमने ज़मीन पर सर्वे की टीम भेजी है लेकिन जब हमारी टीम ने जानने की कोशिश की तो शहर से बाहर सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर बने एक खेत के किसान ने बताया कि उनके यहां सर्वे के लिए कोई अधिकारी नहीं आया. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.... 

किसान ने कहा-  कर्ज माफ नहीं हुआ तो... 

बता दें कि बिन मौसम बारिश और कड़ाके की ठंड पड़ने की वजह से इस बार गेहूं और चने की फसल को काफी नुकसान हुआ है. जहां एक तरफ घने कोहरे के चलते गेहूं का दाना बारीक पड़ गया, तो वहीं अब बची-कुची कसर बारिश ने पूरी कर दी. बिन मौसम बारिश होने से किसानों की खेतों में बची हुई फसल अब अड़ी पड़ चुकी है. इतना ही नहीं, कुछ जगहों पर तो ओले भी पड़े हैं. इस ओलावृष्टि से किसने की उम्मीद भी अब ठंडी पड़ चुकी है. फिर भी शासन-प्रशासन से पीड़ित किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं.

अपनी ख़राब फसल लेकर जनसुनवाई में पहुंचा किसान, अधिकारीयों से लगाई गुहार

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खंडवा के मालगांव में रहने वाले एक किसान जगदीश जनसुनवाई में कोहरे से खराब हुई फसल लेकर कलेक्टर के सामने पहुंचे और उन्हें कर्ज माफ करने की दुहाई देने लगे. पीड़ित किसान जगदीश के दर्द की इंतेहा देखिए कि मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनका कर्ज माफ नहीं हुआ तो फिर घातक कदम उठा लेंगे. ऐसा नहीं के वे पहली बार जनसुनवाई में पहुंचे है. बल्कि इससे पहले भी वह जनसुनवाई में पहुंच कर अपना दुखड़ा सुना चुके थे लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर भेज दिया गया था.... आलम ऐसा है कि उसके भी अब तक उनके खेत पर सर्वे नहीं हुआ है. 

मामले को लेकर क्या बोले कृषि अधिकारी? 

जब हमने जिला कृषि अधिकारी से बात की उन्होंने कहा कि कोहरे और बेमौसम बारिश के बाद उनकी टीम फील्ड में पहुंच गई है और सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है. अधिकारी कितना सच बोल रहे हैं या फिर  प्रशासन की टीम कितनी एक्टिव है..... यह जानने के लिए NDTV की टीम भी फील्ड में उतरी. खंडवा से मात्र 5 किलोमीटर दूर एक खेत पर जब नजर पड़ी तो किसान अपनी अड़ी पड़ी फसल को लेकर उदास नजर आए . हमने उनसे जाकर हाल-चाल जाना और और पूछा कि क्या उनकी खराब हुई फसल का सर्वे करने कोई अधिकारी उनके खेत पर पहुंचा है. 

किसानों को सरकार से मदद की दरकार

किसान संगठनों को भी सरकार से आस है कि किसानों खराब हुई खेती का सर्वे होगा. उनकी खराब फसलों का मुआवजा मिलेगा . किसान संगठन भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्दी सर्वे का कार्य पूरा कराया जाए और किसने की खराब हुई फसलों का मुआवजा और बीमा समय पर दिया जाए. गांव में इतने दिन बीत जाने पर भी कोई सर्वे दल नहीं पहुंचा है. सुदूर खेतों में सर्वे तो दूर की बात अधिकारियों ने यह जानने की जहमत भी नहीं उठाई कि किसानों की फसलों के क्या हाल है. ऐसे में आने वाले समय में हो सकता है किसान भी आंदोलन की राह पर निकल पड़ें.

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