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MP में मौसम की मार: PCC चीफ जीतू पटवारी ने कहा-तुरंत "प्रभावी-परिणामदायक सर्वे" की घोषणा करे मोहन सरकार

MP News: मौसम की मार से परेशान हो रहे किसानों को लेकर जीतू पटवारी ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) सरकार वास्तव में किसानों की मदद करना चाहती है तो नियमित रूप से हो रहे सर्वे की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा किसानों से साझा भी की जाए. क्योंकि, किसानों के पुराने अनुभव यही बताते आ रहे हैं कि सरकार द्वारा घोषित सर्वे बहुत धीमा होता है. जब अंतिम रिपोर्ट सामने आती है, तब तो बहुत देर हो जाती है. मुआवजे की प्रक्रिया भी बहुत धीमी रहती है. इससे भी प्रभावित होने वाले किसानों को राहत मिलने में बहुत समय लग जाता है.

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MP में मौसम की मार: PCC चीफ जीतू पटवारी ने कहा-तुरंत

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पिछले एक-दो दिनों से मौसम में अचानक बदलाव आ गया. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कहीं तेज बारिश हुई तो कहीं धूल के बवंडर (Dust Storm) दिखे तो कहीं आसमान से ओले (Hailstorm) भी बरसे. इसको लेकर जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने जिला कलेक्टर्स को ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे शुरु करने के निर्देश दिए हैं. वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (Madhya Pradesh Congress Committee President) जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने इस संबंध में कहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय (CM Office) से सर्वे की लगातार निगरानी भी की जाए, ताकि पूर्व में होते रहे सर्वे की तरह यह सर्वे भी औपचारिकता की भेंट नहीं चढ़ जाए.

पहले जानिए PCC चीफ ने क्या कहा?

एमपी पीसीसी चीफ (MP PCC Chief) जीतू पटवारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि मौसम में हुए बदलाव ने मध्यप्रदेश में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. प्रदेश के कई हिस्‍सों में सोमवार से मंगलवार रात तक तेज हवा, बारिश के साथ गिरे ओलों ने खेतों में गेहूं, चना और सरसों की फसल को सबसे ज्‍यादा प्रभावित किया है.

जीतू पटवारी ने कहा- नर्मदापुरम, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बैतूल, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में ओले गिरे हैं. कुछ जिलों में खेतों में कटी रखी फसल पानी में डूब गई. किसानों को आशंका है कि अब दाने काले पड़ सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स भी बता रही हैं कि मंगलवार शाम तक भोपाल, सतना समेत प्रदेश के 10 जिलों में तेज बारिश, आंधी चली और ओले गिरे! सबसे ज्यादा छतरपुर जिले के नौगांव और सतना में एक इंच पानी गिरा, रीवा में पौन इंच, भोपाल, रायसेन और सीधी में आधा इंच से अधिक बारिश हुई. उज्जैन, शाजापुर, बैतूल, रायसेन, खजुराहो में भी बारिश हुई. मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश, आंधी और ओले गिरने का अनुमान जताया है. उधर, पचमढ़ी, शिवपुरी में भी फसलों के लिहाज से काफी बारिश हुई है. खजुराहो में ओलों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. नर्मदापुरम के इटारसी, डोलरिया, पतलई और सिवनी मालवा में ओले गिरे हैं. इटारसी के मैदानों में 50 ग्राम तक के ओले बिछने की जानकारी है. खंडवा में हरसूद और छनेरा तहसील के 10 से ज्यादा गांव ओलों से प्रभावित हुए हैं. हरसूद तहसील के कुछ गांवों में फसलों को 100% नुकसान की बात सामने आ रही है. बैतूल में शाहपुर, भौंरा, चिचोली में जोरदार बारिश से खेत में खड़ी और काट कर रखी फसलों को नुकसान हुआ है.

जीतू पटवारी

अध्यक्ष, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी

CM  तत्काल "प्रभावी और परिणामदायक सर्वे" की घोषणा करें : पटवारी

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने CM माेहन यादव से अनुरोध करते हुए कहा कि संकट की इस गंभीर घड़ी में किसानों की मदद के लिए तत्काल "प्रभावी और परिणामदायक सर्वे" की घोषणा करें. मुख्यमंत्री कार्यालय से सर्वे की लगातार निगरानी भी की जाए, ताकि पूर्व में होते रहे सर्वे की तरह यह सर्वे भी औपचारिकता की भेंट नहीं चढ़ जाए.

पटवारी ने आगे कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) सरकार वास्तव में किसानों की मदद करना चाहती है तो नियमित रूप से हो रहे सर्वे की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के द्वारा किसानों से साझा भी की जाए. महत्वपूर्ण मसला है राहत के तहत दिए जाने वाले मुआवजे का क्योंकि, किसानों के पुराने अनुभव यही बताते आ रहे हैं कि सरकार द्वारा घोषित सर्वे बहुत धीमा होता है. जब अंतिम रिपोर्ट सामने आती है, तब तो बहुत देर हो जाती है. मुआवजे की प्रक्रिया भी बहुत धीमी रहती है. इससे भी प्रभावित होने वाले किसानों को राहत मिलने में बहुत समय लग जाता है.

वहीं मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि जो भी किसान, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से प्रभावित हुआ है, उसका सर्वे गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए तथा किसानों को उचित राहत राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए. सभी मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण सर्वे की मॉनीटरिंग करें. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक के बाद हुई चर्चा में यह निर्देश दिए थे.

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