
Diwali Sweets: दीवाली का त्योहार मिठाइयों के बिना अधूरा है. हर घर में लड्डू, बर्फी, रसगुल्ले और जलेबी की थाल सजती है, लेकिन इसी मिठास में ज़हर भी मिला हो सकता है. हर साल त्योहारों के दौरान मिलावटी मिठाइयों की खबरें आती हैं ,नकली मावा, जहरीले रंग, और एक्सपायर्ड घी तक इस्तेमाल किए जाते हैं. इस बार एनडीटीवी ने जबलपुर के खाद्य नियंत्रक देवेन्द्र दुबे के साथ मिलकर मिठाई की दुकानों और फूड टेस्टिंग लैब का जायजा लिया, ताकि लोगों को बताया जा सके कि मिठाई खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और घर पर किन आसान तरीकों से मिलावट की पहचान की जा सकती है.
कहां से लें मिठाई?
100 वर्षों से लगातार मिठाई निर्माता हीरा स्वीट्स के संचालक आशीष ने NDTV को बताया कि किसी भी बड़ी और पुरानी दुकान के साथ उसकी ख्याति चलती है, जिससे वह किसी भी तरह की मिलावट या खराब मिठाई बेचने से बचता है, एक बार बेचने से उसकी वर्षों की जमी-जमाई मेहनत खराब हो जाती है, इसीलिए पुरानी दुकानों से मिठाई ही लेना अच्छा होता है.
मिठाई खरीदते समय रखें ये सावधानियां
- विश्वसनीय दुकान से खरीदें: हमेशा ऐसी दुकान से मिठाई लें, जहां FSSAI लाइसेंस नंबर प्रदर्शित हो. यह नंबर दुकान के बोर्ड या पैकिंग पर साफ लिखा होना चाहिए.
- मिठाई की ताजगी जांचें: ताजा मिठाई की सुगंध और बनावट पहचानिए — पुरानी मिठाई से हल्की खटास या बासीपन की गंध आती है.
- रंग पर ध्यान दें: अगर मिठाई का रंग असामान्य रूप से चमकीला या आंखों को चुभने वाला है, तो उसमें सिंथेटिक रंग मिलाया जा सकता है. ऐसे रंग सेहत के लिए खतरनाक होते हैं.
- घी और मावे की गुणवत्ता: शुद्ध मावा हल्के पीले रंग का होता है और तोड़ने पर परतदार बनावट देता है. नकली मावा दबाने पर चिपचिपा होता है और तेल छोड़ता है
- खुली मिठाई से बचें: खुले में रखी मिठाई पर धूल, मक्खियाँ और बैक्टीरिया आसानी से लग जाते हैं. पैक्ड मिठाई या ढके हुए ट्रे की मिठाई को प्राथमिकता दें.
घर पर या मिठाई खरीदने के पहिले करें ये आसान टेस्ट
- मावा टेस्ट: थोड़ी सी मावा को हाथ में लेकर मसलें. अगर वह तैलीय और चिपचिपा लगे, तो उसमें सिंथेटिक दूध या स्टार्च मिलाया गया है.
- स्टार्च जांचने के लिए: मावा के नमूने में कुछ बूंदें आयोडीन (लुगोल्स) डालें — अगर रंग नीला हो जाए तो मिलावट है.
- चांदी के वर्क का टेस्ट: असली चांदी का वर्क (वरक) उंगली से रगड़ने पर नहीं मिटता, जबकि नकली वर्क तुरंत फटकर उंगलियों पर चिपक जाता है.
- मीठे सिरप (चाशनी) की जांच: अगर चाशनी बहुत गाढ़ी और चिकनी है, तो उसमें ग्लूकोज या चीनी के अलावा रसायन मिलाए जा सकते हैं.
खाद्य नियंत्रक देवेंद्र दुबे ने बताया कि त्योहारों में मांग बढ़ने से कुछ विक्रेता मुनाफे के लालच में मिलावट करते हैं. लेकिन उपभोक्ता सतर्क रहें तो ऐसे लोगों पर खुद-ब-खुद लगाम लग जाएगी.”
सुरक्षा के लिए याद रखें: “देखो, सूंघो और चखो ”. यही तीन नियम मिठाई खरीदने से पहले अपनाएं. मिठाई जितनी सस्ती होगी, उतना संदेह होगा. अगर मिठाई की गुणवत्ता पर ज़रा भी शक हो — शिकायत करें: खाद्य विभाग की हेल्पलाइन 1800-11-2100 या foodlicensing.fssai.gov.in पर ऑनलाइन रिपोर्ट करें.
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