Vishwarang 2025: विश्वरंग टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन का भव्य उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा किया गया. इस दौरान उनके साथ मंच पर विश्वरंग के महानिदेशक और रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधापति संतोष चौबे, विश्वरंग के निदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, सीवीआरयू खंडवा के कुलपति डॉ. अरूण रमेश जोशी उपस्थित रहे. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शुक्रवार को रवीन्द्र भवन में साहित्य और कला के सबसे बड़े उत्सव ‘विश्वरंग–2025 टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव' में देश-विदेश से आए साहित्यकारों, कलाकारों और युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा और संस्कृति एक-दूसरे की सहज पूरक हैं. संस्कृति, भाषा को वह कथा-बीज देती है, जिनसे लोक-साहित्य से लेकर वैश्विक साहित्य जन्म लेता है और भाषा, संस्कृति को वह अभिव्यक्ति देती है, जिससे परंपराएं पीढ़ियों तक सुरक्षित यात्रा कर पाती हैं.
हमारी संस्कृति जियो और जीने दो की पवित्र भावना से ओत-प्रोत : सीएम मोहन यादव
CM मोहन यादव ने कहा कि भाषा और संस्कृति दोनों एक-दूसरे की संरक्षक भी हैं. साहित्य का एक ही रंग होता है, राग और आनंद का. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हिन्दी भाषा सच्चे अर्थों में लोक भाषा है. हिन्दी हमारे माथे की बिन्दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज हमारी हिन्दी वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बन रही है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ने अधिसत्ता नहीं, सदैव प्रभुसत्ता और लोक बन्धुत्व की भावना रखी. हमारी संस्कृति जियो और जीने दो की पवित्र भावना से ओत-प्रोत है. यही कारण है कि आज भारतीय संस्कृति दुनियाभर में अपनी अलग पहचान रखती है. उन्होंने सभी का मध्यप्रदेश की धरती पर स्वागत-अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सृजनात्मक और कलात्मक धरती हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति को जोड़ने वाली सेतु बन गई है. हमारा भोपाल अब भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषा चेतना और वैश्विक साहित्यिक संवाद का केन्द्र बन गया है. महोत्सव में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम में कई सत्र, कविता पाठ, पैनल चर्चा, कला प्रदर्शनियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की जा रही हैं.
डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्य में औद्योगिक प्रगति के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और बताया कि विश्वरंग की पहल के जरिए हम युवाओ को हमारी संस्कृति, साहित्य और सभ्यता से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.
इस दौरान संतोष चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि कला, साहित्य, संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार एवं मुख्यमंत्री के लगातार प्रयासों को रेखांकित किया और बताया कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के अंतर्गत विश्वरंग भी इसी दिशा में लगातार कार्य कर रहा है. इस दौरान विश्वरंग की फिल्म दिखाई गई और विश्वरंग से संबंधित साहित्य प्रदान किया गया.
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