MP News : बड़वानी जिले में निवाली और पलसूद छात्रावासों में उल्टी-दस्त के मामले सामने आने के बाद जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इंदौर की लैब से आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन स्थानों का पानी पीने योग्य नहीं है. पानी में एक खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया है जो सामान्यतः सीवरेज लाइन के गंदे पानी में मिलता है. स्वास्थ्य विभाग की CMHO डॉ. सुरेखा जमरे ने यह जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बैक्टीरिया समय पर इलाज न मिलने पर घातक सिद्ध हो सकता है. डॉ. जमरे ने जनता से अपील की है कि पीने के पानी में क्लोरिन की गोली डालकर अगले दिन उपयोग करें और पानी को उबालकर ठंडा कर पीने के लिए इस्तेमाल करें. यदि किसी को उल्टी-दस्त की शिकायत हो, तो तुरंत अस्पताल जाकर उपचार करवाएं.
8 मरीज अस्पताल में भर्ती
जिले में उल्टी-दस्त के मामले बढ़ने के बाद अब भी 8 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से एक महिला को पलसूद से जिला अस्पताल रेफर किया गया है. निवाली और पलसूद के छात्रावासों की छात्राओं को उल्टी-दस्त होने पर पानी के सैंपल लिए गए थे. बारिश के मौसम में अक्सर उल्टी-दस्त की शिकायतें सामने आती हैं.
पानी में मिला बैक्टीरिया
कुछ दिन पहले निवाली और पलसूद में कई छात्राएं उल्टी-दस्त का शिकार हुई थीं, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया था. जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सभी हॉस्टलों की जांच की, जिसमें पानी के सैंपल और भोजन के सैंपल लिए गए. जांच में पीने के पानी में खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया.
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सभी को दी गई सलाह
CMHO डॉ. सुरेखा जमरे ने जिलेवासियों को संदेश दिया है कि पीने के पानी और भोजन करने से पहले साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. बरसात के मौसम में पानी में खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं इसलिए पानी को उबालकर उपयोग करें और स्वच्छता का ध्यान रखें, ताकि उल्टी-दस्त जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सके.
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