
Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में रविवार रात विक्रमोत्सव के तहत उज्जयिनी गौरव और सृष्टि आरंभ दिवस मनाया गया. शिप्रा नदी पर सीएम डॉ मोहन यादव की मौजूदगी में हुए इस भव्य आयोजन में 1000 ड्रोन से आसमान में बनाई बाबा महाकाल, श्रीकृष्ण और सम्राट विक्रमादित्य की आकृतिया देख दंग रह गए. वहीं सिंगर श्रेया घोषाल की आवाज से यहां मौजूद हजारों लोग मंत्र मुग्ध हो गए.
विक्रमोत्सव आयोजन के तहत शिप्रा नदी स्थित रामघाट की रपट पर बने मंच से भारतीय नव वर्ष के साथ उज्जयिनी गौरव दिवस और सृष्टि आरंभ दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में सीएम डॉ मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यपाल मांगू भाई पटेल ने विक्रम पंचांग कैलेंडर का विमोचन प्रदेश वासियों को गुड़ी पड़वा की बधाई दी. इस अवसर पर जमकर आतिशबाजी की गई. इसके बाद आकाश में 15 मिनट का भव्य ड्रोन शो किया गया. इसमें 1000 ड्रोन से भगवान शिव और उनके प्रतीक चिह्न, सम्राट विक्रमादित्य का पोर्ट्रेट, माता शिप्रा, ब्रह्मांड, कृष्ण-सुदामा, सिंहस्थ 2028 का लोगो, नववर्ष की बधाई और महाकाल की आरती के मनमोहक दृश्य बनाए गए. बता दें कि मध्यप्रदेश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में ड्रोन फॉर्मेशन किया गया.
क्या बोले सीएम?
आयोजन में सीएम डॉ यादव ने बताया कि सम्राट वीर विक्रमादित्य न्याय प्रिय और दानी थे. कहावत है कि आज भी कोई गडरिया उनके सिंहासन पर बैठ जाए वह न्याय की बात करने लगेगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अंग्रेजोकी बनाई आईपीसी को खत्म कर न्याय संहिता लागू की जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने न्याय की देवी की आंख से पट्टी हटा दी. इस दौरान मंत्री मेघवाल और राज्यपाल मांगूबाई पटेल ने सीएम यादव के कार्यों की सराहना की. इस दौरान सीएम ओर अतिथियों ने विक्रम पंचाग कलेंडर का विमोचन भी किया.
विशेषज्ञों की टीम ने दी प्रस्तुति
ड्रोन शो बोटलेब और एकमे मीडिया कंपनी दिल्ली ने किया. टीम ने उज्जैन पहुंच कर पहले दो दिनों से आसमान में विभिन्न ड्रोन फॉर्मेशन का ट्रायल किया. इसके बाद 1000 ड्रोन को एक साथ बालाजी गार्डन से उड़ाया गया. ड्रोन से हरसिद्ध मंदिर के ऊपर अलग-अलग आकृतियां बनाई गई, जिन्हें रामघाट से लेकर दत्त अखाड़ा घाट और बड़नगर ब्रिज से देखा जा सका. इस दौरान आकाश में ही आगामी सिंहस्थ 2028 के लिए तैयार किए गए एंथम सॉन्ग भी रिलीज किया गया.
एक ही रिमोट से 1000 ड्रोन
कंपनी अधिकारियों के अनुसार, ड्रोन में Swarm टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है. जिससे एक-दूसरे से टकराए बिना समन्वित रूप से उड़े. सभी एक हजार ड्रोन को एक ही रिमोट से संचालित किया गया. इनकी निर्धारित दूरी बनाकर साथ में उतारने की प्रक्रिया की गई. बता दें कि ये टीम अब तक खेलो इंडिया, G-20, हाल ही में हुए IIFA अवार्ड्स और प्रयागराज कुंभ जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में ड्रोन की शानदार प्रस्तुतियां दे चुकी है. वीडियो, फोटो, विक्रमोत्सव के दौरान मौजूद हजारों दर्शक, आतिशबाजी और एक हजार ड्रोन से आसमान में भगवान की आकृतियां बनाई.