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'बुलडोजर से न्याय' पर 'कोर्ट का हथौड़ा', 2 लाख रु. जुर्माने के साथ घर तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश

Bulldozer Justice: मोंटू के वकील रवि शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने नगर निगम की कार्रवाई को पूरी तरह गलत बताकर अर्थ दंड और अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने मुआवजे लिए सिविल कोर्ट में केस लगाने को कहा है. इसी के चलते जल्द ही स्थानीय कोर्ट में नगर निगम पर 50 लाख रुपये मुआवजे का केस करेंगे.

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'बुलडोजर से न्याय' पर 'कोर्ट का हथौड़ा', 2 लाख रु. जुर्माने के साथ घर तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश

Madhya Pradesh High Court: देशभर में बात-बात पर आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला कर न्याय (Bulldozer Justice) करने की प्रवृत्ति को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) से तगड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही ये आशा की जा रही है कि अब इस प्रवृति पर लगाम लग सकती है. वजह है उज्जैन (Ujjain) के एक आरोपी के मकान तोड़ने के मामले में हाईकोर्ट की ओर से दिया गया फैसला. दरअसल, एक आरोपी के मकान पर बुलडोजर चलाने के मामले में हाईकोर्ट ने न सिर्फ नगर निगम पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है,  बल्कि सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं.

दरअसल, ढांचा भवन निवासी मोंटू गुर्जर पर दिसंबर 2022 में चिमनगंज थाने में एक केस दर्ज हुआ था. आरोप था कि उसने हीरा मिल की चाल निवासी एक व्यक्ति से जबरिया वसूली की है. आरोप है कि इससे प्रताड़ित होकर उक्त व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद पुलिस ने मोंटू गुर्जर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. फिर उसके पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए पुलिस के पत्रनुसार मोंटू के दो मंजिला मकान को अवैध बताते हुए जेसीबी चला दी गई थी.

ये है पूरा मामला

इसके बाद मोंटू गुर्जर की पत्नी राधा गुर्जर ने हाईकोर्ट में केस लगाया था. दावा किया था कि नगर निगम ने  रईसा बी नाम से नोटिस चस्पा कर उनका पक्ष सुने बिना मकान तोड़ दिया. जबकि मकान रहीसा बी का नहीं था और न ही अवैध था. मकान हाउसिंग बोर्ड से लिया था और उस पर बैंक का कर्ज भी है. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले में नगर निगम की कारवाई को गलत ठहराते हुए दो लाख रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही और मकान तोड़ने के लिए जिम्मेदार निगम के अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

अब करेंगे 50 लाख मुआवजे का केस

मोंटू के वकील रवि शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने नगर निगम की कार्रवाई को पूरी तरह गलत बताकर अर्थ दंड और अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने मुआवजे लिए सिविल कोर्ट में केस लगाने को कहा है. इसी के चलते जल्द ही स्थानीय कोर्ट में नगर निगम पर 50 लाख रुपये मुआवजे का केस करेंगे. याद रहे फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत के मकान तोड़ने के मामले में मुंबई कोर्ट ने भी इसी तरह का फैसला सुनाया था.

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मकान तोड़ने की कार्रवाई पर ब्रेक

यहां बता दे कि सन 2018 के बाद से मध्य प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की तर्ज पर अपराधियों के मकान तोड़ने का अभियान चल रहा है.  इसके तहत कभी भी आरोपियों के मकान पर बुलडोजर चला दिया जाता है. मोंटू गुर्जर के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी, लेकिन इस फैसले के बाद अब अपराधियों के मकान तोड़ने पर ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है.

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