![Madhya Pradesh News: भाजपा के भावनात्मक मुद्दों की काट में जुटी कांग्रेस, उठाए ये गंभीर सवाल Madhya Pradesh News: भाजपा के भावनात्मक मुद्दों की काट में जुटी कांग्रेस, उठाए ये गंभीर सवाल](https://c.ndtvimg.com/2023-11/g8ane7g_jeetu-patwari_625x300_13_November_23.jpg?downsize=773:435)
Chhattisgarh News Today: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) कर भाजपा (BJP) जहां आस्था और भावनात्मक मुद्दों के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश में जुटी है. वहीं, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव (lok sabha election 2024) से पहले भाजपा को मुद्दों के आधार पर घेरना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंगलवार को प्रदेश की भाजपा सरकार पर करारा प्रहार किया. उन्होंने सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट कर महंगाई (Inflation), बेरोजगारी ()Unemploymentऔ र गिरती अर्थव्यवस्था (GDP) पर कई गंभीर सवाल उठाए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सीएम पद की शपथ लेने के 42 दिन बाद ट्वीट कर कई गंभीर सवाल दागे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि मध्य प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने की मोदी गारंटी का क्या हुआ ? इसके साथ ही उन्होंने रामचरितमानस की चौपाई की पंक्तियों के माध्यम से सीएम को कर्म करते हुए युवाओं को नौकरी देने की मांग की है. पटवारी ने लिखा कि देश में नौकरियों की तस्वीर चिंताजनक है. 4 साल में निजी क्षेत्र में नई नौकरियों में सालाना 3.1% की ही ग्रोथ आई है, जबकि GDP ग्रोथ रेट 4.5% के आसपास रही है. उन्होंने आगे लिखा कि प्री-कोविड की तुलना में 2,975 कंपनियों में से 49.44% में 8.2 लाख रोजगार घट गए हैं.
कंपनियों में घट रही है नौकरियां
बेरोजगारी पर पटवारी ने बहुत ही डिटेल से लिखा. उन्होंने बताया है कि 14 सेक्टर की कंपनियों में सबसे ज्यादा नौकरियां घटी हैं. इनमें मुख्य रूप से टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल व एंसीलरी सेक्टर्स शामिल हैं. कोविड के पहले इनमें 7.06 लाख नौकरियां थीं, जो अब 34.13% घटकर 4.65 लाख ही रह गई है. मतलब सालाना गिरावट 8.35% की दर से रोजगार के मौके में गिरावट आ रही है.
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पटवारी ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा की रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि देश के कॉर्पोरेट सेक्टर में 81.2 लाख कर्मचारी हैं. एक साल में 3.9 लाख ही नई नौकरियां आईं, जोकि रोजगार की चाह रखने वाले बड़ी आबादी को देखते हुए यह बेहद ही कम है. उन्होंने आगे बताया कि यदि पुराने आंकड़ों को देखा जाए, तो 2022 में 4.9 लाख लोगों को नौकरियां मिली थीं. यानी 2023 में रोजगार के अवसर में भारी कमी रही.
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