मध्यप्रदेश में 14 मंदिर कॉरिडोर बन रहे हैं या उन्हें बनाने का ऐलान हो गया है, ये सब तब हो रहा है, जब विधानसभा चुनावों में कुछ महीने बचे हैं. राज्य में कई मंदिरों के जीर्णोद्धार और विकास के लिए करोड़ों खर्च करने के वायदे हैं. वहीं कांग्रेस सत्ता में लौटने के लिये कथा वाचकों के आसरे नज़र आ रही है. दोनों दल खूब लोक लुभावन वायदे भी कर रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच एक हकीक़त ये है कि सरकारी खज़ाना खाली है और कर्ज़े का बोझ हर दिन बढ़ रहा है. आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई योजनाएं का ऐलान किया है, जिससे सरकारी खर्च 10 फीसदी तक बढ़ सकता है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा, "एक हजार तक मामला नहीं रुकेगा, मैं तुम्हारी जिंदगी बदलने आया हूं. चौथी बार मुख्यमंत्री बना हूं, तो जनता की जिंदगी बदलने के लिए बना हूं. मेरी बहनों.. 6 हजार रुपये, मैं पैसे की व्यवस्था कर रहा हूं. अब हजार-हजार रुपया देता हूं, तो मेरी बहनें कितनी हो गई पता है, सवा करोड़)." मुख्यमंत्री ने कहा, "लाडली बहना में राशि धीरे-धीरे 3000 रुपये प्रति हितग्राही होगी प्रतिमाह तक बढ़ा दी जाएगी... यानी सवा करोड़ हितग्राहियों के लिये 3,750 करोड़ हर महीने... सालाना 45000 करोड़ रुपये.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले तीन सालों में 2715 घोषणाएं कीं. यानी हर दिन लगभग ढाई घोषणा. राज्य सरकार ने कांग्रेस विधायक रामचन्द्र दांगी के एक सवाल के लिखित जवाब में विधानसभा में यह जानकारी दी है.
मध्यप्रदेश सरकार का बहीखाता
- मध्यप्रदेश सरकार पर फिलहाल 3.69 लाख करोड़ का कर्ज़ है.
- हर महीने राज्य का खर्च औसतन 25000 करोड़ रु. तक पहुंच गया है.
- ये हालत तब है, जब 2005 में ऋण-जीएसडीपी अनुपात 39.5% था.
- 2022 में ऋण-जीएसडीपी अनुपात 29% हो गया.
- लाडली बहना के अलावा, छात्रों को ई-स्कूटी के लिए 135 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- रोजगार सहायकों का मानदेय दोगुना हुआ, जिससे खजाने पर 248.40 करोड़ रु. बोझ बढ़ गया.
- कर्मचारियों का डीए 4 प्रतिशत बढ़ाने के ऐलान से खजाने पर 450 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च होंगे.
- किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को 6 हजार रुपये देने से सरकार को 1740 करोड़ रु. खर्चने होंगे.
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में ₹3000 बढ़ने से सालाना 420 करोड़ रुपये का भार आएगा.
- 16 जुलाई से 14 अगस्त तक प्रदेश में विकास पर्व, भूमि-पूजन और लोकार्पण में 2 लाख करोड़ रुपये के काम की बात कही जा रही है.
- अनुपूरक बजट में सिर्फ कर्ज में ब्याज भुगतान के लिए 762 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया.
मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्र से जब पूछा गया कि क्या सरकारी योजनाएं जिनपर बहुत पैसा खर्च हो रहा है क्या आपको लगता है वित्तीय प्रबंधन ठीक रहेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "बिल्कुल ठीक है, रहेगा... एक दिन भी तनख्वाह नहीं रुकी है. ओवरड्यू नहीं हुआ, सबकुछ देते जा रहे हैं ये वो सोचें जो रोज़ कहते थे खज़ाना खाली है...यही तो प्रबंधन और योग्यता है. इसी की बदौलत शिवराज जी 18 साल से मुख्यमंत्री हैं." जब पूछा गया कि बुजुर्ग कहते हैं, उधार लेकर घी नहीं पीना चाहिये, तो उन्होंने कहा कि कहां पी रहे हैं? कभी लिमिट क्रास नहीं की. आप काग़ज लेकर बैठे हैं... हम एफआरबीएम के करीब हैं, निकले नहीं है. इसके बावजूद जनहितैषी काम कर रहे हैं.
इस कर्जे के बीच सरकार 14 मंदिर कॉरिडोर बनाने का ऐलान कर चुकी है. शिवराज सिंह चौहान कहते हैं, "बाबा महाकाल के चरणों में प्रणाम करता हूं, वहां महाकाललोक बन गया, अब आगर में भी बाबा बैजनाथ लोक बन रहा है.
कांग्रेस भी कथा, धार्मिक आयोजनों में व्यस्त है. नारी सम्मान में 1500 रु. हर महीने, 500 रु. में गैस सिलेंडर, 100 यूनिट बिजली माफ, 200 यूनिट हाफ, पुरानी पेंशन बहाली, किसानों की कर्जमाफी जैसे ऐलान कर रही है.
खजाना खस्ताहाल है, विपक्ष भी ऐलान में पीछे नहीं, लेकिन उसके सवाल हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा कि कुल मिलाकर सरकार का खर्च बढ़ रहा है, कमाई नहीं, लेकिन घोषणाओं की बाढ़ दो-तरफा है.