MP News: मध्य प्रदेश में सियासी ठंड बढ़ती जा रही है. जहां एक ओर मोहन सरकार अपने दो वर्ष के कार्याें की समीक्षा बैठक कर रही है. वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस पर सवाल उठा रहा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुखिया जीतू पटवारी ने कहा कि "मुख्यमंत्री जी, आपके दोनों उपमुख्यमंत्रीयों के विभागों में खुलेआम अराजकता फैली हुई है. क्या आप उनकी कार्यशैली की समीक्षा कर उनसे इस्तीफा लेंगे. स्वास्थ, कृषि, परिवहन, स्कूली शिक्षा, पंचायत, लोक निर्माण, ऊर्जा, सहकारिता और स्वास्थ विभाग के मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप है. क्या उनसे मुख्यमंत्री इस्तीफा लेंगे? मुख्यमंत्री जी, आपके पास 13 विभागों का प्रभार है, इन विभागों की निष्पक्ष समीक्षा कौन करेगा?"
मुख्यमंत्री जी, आपके पास 13 विभागों का प्रभार है, इन विभागों की निष्पक्ष समीक्षा कौन करेगा ?
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सुनिये पीसीसी चीफ़ जीतू पटवारी का बयान
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उस बयान पर कड़ा प्रहार किया है जिसमें उन्होंने मंत्रियों और विभागों की दो वर्ष की समीक्षा करने की बात कही है. पटवारी ने इसे दिखावटी समीक्षा बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को समझना होगा—राज्य का सबसे बड़ा विभाग उनके पास है, और देश के गृह मंत्रालय ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में साफ कहा था कि मध्यप्रदेश का गृह विभाग सबसे निकम्मा है.
स्वास्थ, कृषि, परिवहन, स्कूली शिक्षा, पंचायत, लोक निर्माण, ऊर्जा, सहकारिता और स्वास्थ विभाग के मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप है! क्या उनसे मुख्यमंत्री इस्तीफा लेंगे!
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पटवारी ने आगे कहा कि "कृषि मंत्री के विभाग पर नकली बीज घोटाले, परमिट के दुरुपयोग, बीमा कंपनियों की मिलीभगत और CAG रिपोर्ट में स्पष्ट टिप्पणियाँ दर्ज हैं. मुख्यमंत्री जी बताएं—क्या वे कृषि मंत्री पर कोई कार्रवाई करेंगे? स्कूल शिक्षा—50 लाख बच्चे गायब, बजट बढ़ा—भ्रष्टाचार भी बढ़ा. लगातार 50 लाख बच्चों का स्कूल शिक्षा व्यवस्था से गायब होना और बजट का 7 हजार करोड़ से बढ़कर 37 हजार करोड़ होना खुद में बड़ा भ्रष्टाचार है. शिक्षा मंत्री से पूछना चाहिए कि बच्चों की संख्या क्यों कम हो रही है और पैसा कहाँ जा रहा है?"
"मुख्यमंत्री जी ने टोल बंद होने का दावा किया था, जबकि सभी टोल पहले की तरह चालू हैं. क्या परिवहन मंत्री इस्तीफा देंगे? उपार्जन घोटाले से लेकर सहकारिता में भारी भ्रष्टाचार और पंचायतों में अनियमितताओं पर भी मुख्यमंत्री जी आज तक मौन हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की लापरवाही से 26 बच्चों की मौत हो चुकी है, नकली दवाइयों और कुपोषण पर भी सरकार का रवैया उदासीन है. CAG की विस्तृत रिपोर्ट सरकार की विफलताओं का आईना है."
PWD—गिरते पुल, टूटती सड़कें, 40% कमीशन का खेल
पटवारी ने कहा कि "बेतहाशा भ्रष्टाचार के कारण बने पुल 90 डिग्री पर झुक जाते हैं, सड़कें 100 मीटर तक धंस जाती हैं. क्या मुख्यमंत्री जी PWD मंत्री से इस्तीफा ले सकते हैं?"
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पटवारी ने चुनौती दी कि भाजपा का एक भी विधायक बताकर दिखाए कि उसके क्षेत्र में एक सरकारी काम बिना रिश्वत के होता है. उन्होंने कहा कि यह 40% कमीशन की सरकार है, जहाँ सत्ता का मुखिया “अलीबाबा” और बाकी मंत्री “चालीस चोर” की तरह काम कर रहे हैं.
उन्होंने भाजपा मंत्रियों को खुली चुनौती दी कि यदि कोई मंत्री खुद को ईमानदार बताता है, तो कांग्रेस उसका विभागीय काला चिट्ठा सार्वजनिक करेगी.
मुख्यमंत्री जी, जनता को नहीं—अपने मंत्रिमंडल को जवाब दें : पटवारी
अंत में जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को दिखावटी समीक्षा नहीं, साहसिक कार्रवाई करनी चाहिए. “जनता सब देख रही है, अब आपके बचाव और बहानों का समय समाप्त हो चुका है.”
बीजेपी का पलटवार
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस हर सत्र में नाटक-नौटंकी करती है. जैसे कांग्रेस के दिल्ली सेटअप में अपरिपक्वता है वैसे मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी है. विधानसभा नौटंकी करने का मंच नहीं है. कभी गिरगिट, कभी चोला, कभी शराब की बोतल लेकर आये, कांग्रेस के विधायक सदन की गरिमा को तारतार कर रहे हैं. विरोध करें, मुद्दे उठाएं पर उसकी गरिमा होनी चाहिए. कांग्रेस उस पर ध्यान नहीं देती, जो उनकी अपरिपक्वता का उदाहरण है.
सारंग ने कहा कि "भाजपा सरकार प्रदेश के विकास, जनता के कल्याण में ततपर है. यह समीक्षा समय-समय पर की जाती है, सीएम मोहन यादव हर विभाग की समीक्षा करते हैं. कुछ अच्छा करना है तो विगत दिनों हमने क्या किया और आगे की योजना, यह स्वागत योग्य और सार्थक काम है.
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