विज्ञापन

भोपाल में वैज्ञानिकों का जमावड़ा आज से, 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ करेंगे CM मोहन

National Children's Science Congress: मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल व राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से स्कूली छात्रों हेतु 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन दिनांक 03 से 06 जनवरी, 2025 को रविन्द्र भवन, भोपाल में किया जा रहा है.

भोपाल में वैज्ञानिकों का जमावड़ा आज से, 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ करेंगे CM मोहन
31st National Children's Science Congress

National Children's Science Congress: मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (31st National Children's Science Congress 2025) का शुभारंभ करेंगे. 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का 4 दिवसीय आयोजन 3 से 6 जनवरी तक होगा. भारत के विभिन्न राज्यों के 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक, शिक्षक और मेंटर्स इस आयोजन में भाग लेंगे. साथ ही बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कुवैत, ओमान और सऊदी अरब जैसे ग़ल्फ़ देशों के बाल वैज्ञानिक भी अपनी प्रस्तुतियों के साथ शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के प्रमुख वैज्ञानिक जैसे डॉ. चेतन सोलंकी (IIT मुंबई), डॉ. नंद कुमार (AIIMS दिल्ली), और डॉ. चैतन्य पूरी (IISER पुणे) छात्रों के साथ संवाद करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय कारंदिकर, मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनुराग जैन, आईआईटी इंदौर के निदेशक डॉ सुहास जोशी सम्मिलित होंगे.

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस क्या है?

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC) एक राष्ट्रीय विज्ञान संचार कार्यक्रम है जिसकी शुरुआत 1993 में हुई थी. यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित एक मंच है, जो 10-17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, रचनात्मकता और नवाचार प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.

31st National Childrens Science Congress 2025: भोपाल में युवा वैज्ञानिकों का सम्मेलन

31st National Children's Science Congress 2025: भोपाल में युवा वैज्ञानिकों का सम्मेलन

इस बार की थीम ये है...

इस वर्ष राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय "स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना" है. यह कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने और उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में नवाचार का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा.

कार्यक्रम के दौरान कई आकर्षक गतिविधियां और प्रदर्शनियां आयोजित होंगी, जिनमें चंद्रयान मिशन प्रदर्शनी, वॉटर रॉकेटरी, रोबोटिक्स, हाईड्रोपोनिक्स, पर्यावरण साँप-सीढ़ी, चीता संरक्षण प्रदर्शनी और वैज्ञानिक जागरूकता पर आधारित लोकगीत शामिल हैं.

वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का शुभारंभ भी होगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का उद्घाटन भी करेंगे. इस पहल से आम नागरिक घर बैठे खगोलीय अध्ययन कर सकेंगे, जो मध्यप्रदेश को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगा. इसमें दो बच्चों का एक समूह मार्गदर्शक शिक्षक के साथ किसी स्थानीय समस्या का चयन करता है और वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से उसका समाधान प्रस्तुत करता है. यह प्रक्रिया गहन अवलोकन, प्रश्न उठाने, मॉडल बनाने और प्रयोग के माध्यम से समाधान खोजने पर आधारित होती है. बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा और खोज की भावना को प्रोत्साहित करती है, साथ ही उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने और समाज के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है.

यह भी पढ़ें : Savitribai Phule Jayanti 2025: स्त्रियां सिर्फ रसोई व खेत... सावित्रीबाई फुले जयंती पर जानिए उनका जीवन

यह भी पढ़ें : भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे का पीथमपुर में विरोध, CM ने कहा- डरने की जरूरत नहीं, असर खत्म

यह भी पढ़ें : अर्जुन अवाॅर्डी बने कपिल, जानें कैसा रहा खेतों से लेकर पेरिस पैरा ओलंपिक तक का सफर

यह भी पढ़ें : जानें कौन है महाकौशल की बेटी रुबीना, जिसने पैरा-शूटिंग में अपने नाम किया अर्जुन अवॉर्ड,ऐसा रहा संघर्ष

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close