Toxic Waste of Union Carbide Factory Bhopal: भोपाल के यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (Union Carbide Factory Bhopal) परिसर में पिछले 40 वर्षों से पड़े जहरीले कचरे (Toxic Waste) को आखिरकार बुधवार देर रात को इंदौर (Indore) से लगभग 30 किलोमीटर दूर धार (Dhar) जिले के पीथमपुर डंपिंग साइट (Pithampur Site) पर शिफ्ट कर दिया गया. भोपाल से बुधवार देर रात प्रशासन और पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 12 कंटेनर ट्रकों में लगभग 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट पीथमपुर के लिए रवाना हुआ. यूसीआईएल और पीथमपुर के बीच लगभग 250 किलोमीटर की दूरी को कवर करने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. पीथमपुर में इस जहरीले कचरे का विराेध हो रहा है जबकि सरकार का कहना है कि खतरा नहीं है. आइए जानते हैं किसने क्या कहा?
#WATCH धार, मध्य प्रदेश: भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले कचरे के निपटान के लिए कंटेनर पीथमपुर स्थित निपटान स्थल पहुंचे। pic.twitter.com/TPwTLXUKQn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2025
पीथमपुर में विरोध
इस बीच, स्थानीय नागरिक समूहों ने यूनियन कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट नहीं किए जाने की मांग को लेकर इस औद्योगिक कस्बे में विरोध प्रदर्शन जारी रखने की घोषणा की है. करीब 1.75 लाख की आबादी वाले पीथमपुर में शुक्रवार को बंद का आह्वान भी किया गया है.
स्थानीय नेता ने क्या कहा?
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मांग की है कि इस कचरे को पीथमपुर में नष्ट किए जाने की योजना पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और इस सिलसिले में राज्य सरकार की ओर से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की जानी चाहिए. वहीं इस लोकसभा क्षेत्र की सांसद सावित्री ठाकुर केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि हम जन प्रतिनिधि राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव तक पीथमपुर के नागरिकों का पक्ष पहुंचाएंगे और मुख्यमंत्री से उचित कदम उठाए जाने का आग्रह किया जाएगा.
CM मोहन ने क्या कहा?
सीएम ने कहा कुछ लोग अभी भी भ्रांतियां फैला सकते हैं. उच्चतम न्यायालय ने सभी रिपोर्ट देखने के बाद ही इस काम को किया जा रहा है. चीफ सेकेट्री को सभी निर्देश कोर्ट ने दिए, ताकीद किया गया, किसी तरीके का नकारात्मक परिणाम नहीं आना चाहिए, उसकी के बाद काम किया जा रहा है. केंदीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी मौजूद हैं. अभी तक सबकुछ शांतिपूर्ण है सभी को विश्वास में लेकर काम कर रहे हैं. इस मुद्दे का राजनीतिक करण ना हो. सभी इस मुद्दे पर साथ आएं. कांग्रेस पर सीएम मोहन यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि पीथमपुर में विरोध करते हैं भोपाल के लोगों के बीच कुछ नहीं बोलते. राजनीति बंद करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करेंगे.
#WATCH | On the removal of 40-year-old toxic waste from the Bhopal gas tragedy site, Madhya Pradesh CM Mohan Yadav says, "...Around 358 metric tons of hazardous waste from Union Carbide has been removed from Bhopal. For the last 40 years, the people of Bhopal were living with… pic.twitter.com/0rErFXivfS
— ANI (@ANI) January 2, 2025
इस कचरे को हम पीथमपुर में जलाने जा रहे है उसका पहले भी ड्राई रन कर चुके है, जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की थी उसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने इस कचरे को नष्ट करने के निर्देश हमें दिए थे, जिसमें यह साफ कर दिया था. इस कचरे के जलने से पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इंदौर के क्षेत्रीय अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी बता रहे हैं कि कैसे वैज्ञानिक आधार पर होगा #यूनियन_कार्बाइड के कचरे का निपटान !
— JD Jansampark Indore (@jdjsindore) January 1, 2025
आइए सुनते हैं खुद उन्ही की जुबानी।#JansamparkMP #indore #unioncarbide @BhopalGas @JansamparkMP pic.twitter.com/sOpNUVyOEl
सरकार दिलाया पक्का भरोसा
जहां एक ओर नागरिकों ने जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट किए जाने से इंसानी आबादी और पर्यावरण पर दुष्प्रभावों की आशंका जताई है. वहीं प्रदेश सरकार ने इस कचरे के सुरक्षित निपटान के पक्के इंतजामों का भरोसा दिलाते हुए हुए इन आशंकाओं को खारिज किया है.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 3 दिसंबर को जहरीले पदार्थ को स्थानांतरित करने के लिए चार सप्ताह की समय-सीमा तय की थी और कहा था कि गैस त्रासदी के 40 साल बाद भी अधिकारी "निष्क्रियता की स्थिति" में हैं. न्यायालय ने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी.
रविवार से अब तक 30 मिनट की शिफ्ट में सौ से ज्यादा लोगों ने कचरा पैक किया है. उनकी स्वास्थ्य जांच की गई और हर 30 मिनट में उन्हें आराम दिया गया. जहरीले कचरे को ले जाने वाले सभी 12 विशेष कंटेनरों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है. प्रत्येक कंटेनर रिसाव-रोधी, अग्निरोधी हैं और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस हैं.
माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशानुसार यूनियन कार्बाइड परिसर, भोपाल में संग्रहित रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों के विनिष्टीकरण की कार्यवाही के संबंध में भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के संचालक श्री स्वतंत्र कुमार सिंह (IAS) द्वारा दी गई जानकारी@DrMohanYadav51… pic.twitter.com/jzpvo0OeCm
— Jansampark MP (@JansamparkMP) December 30, 2024
अधिकारियों का क्या कहना है?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया, "पीथमपुर का संयंत्र विशेष रूप से राज्य भर में औद्योगिक इकाइयों द्वारा उत्पन्न कचरे के सुरक्षित भस्मीकरण के लिए बनाया गया है. वर्ष 2015 में यूसीआईएल के 10 मीट्रिक टन कचरे के निपटान के लिए सीपीसीबी की निगरानी में सभी निर्धारित सुरक्षा मापदंडों का पालन करते हुए एक ट्रायल रन किया गया था."
उन्होंने बताया कि भस्मक में कचरे के जलने से निकलने वाले धुएं को चार स्तरों वाले विशेष फिल्टर से गुजारा जाएगा ताकि आस-पास की वायु प्रदूषित न हो और इस प्रक्रिया के पल-पल का रिकॉर्ड रखा जाएगा. कचरे के भस्म होने और हानिकारक तत्वों से मुक्त होने के बाद इसके ठोस अवशेष (राख) को दो परतों वाली मजबूत ‘मेम्ब्रेन' (झिल्ली) से ढक कर ‘लैंडफिल साइट' में दफनाया जाएगा ताकि यह अपशिष्ट किसी भी तरह मिट्टी और पानी के संपर्क में न आ सके. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की निगरानी में विशेषज्ञों की एक टीम इस प्रक्रिया को अंजाम देगी.
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