पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए बीजेपी ने इस बार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. आमतौर पर बीजेपी चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ही प्रत्याशियों की सूची जारी करती रही है लेकिन कर्नाटक चुनाव के बाद पार्टी को फिडबैक मिला कि प्रत्याशियों के नाम के ऐलान में देरी होने से नुकसान हुआ है. बहरहाल वजह कोई भी हो लेकिन बीजेपी ने गुरुवार को जो पहली सूची जारी की है उसमें दोनों राज्यों के तमाम दिग्गज मसलन शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और रमन सिंह जैसे नेताओं और मंत्रियों के नाम नहीं हैं. पार्टी ने 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए 21 और मध्य प्रदेश के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा की है. बता दें कि दोनों राज्यों में तकरीबन तीन महीने बाद ही चुनाव हैं.
भोपाल के पूर्व महापौर को टिकट
मध्य प्रदेश के लिए बीजेपी ने 39 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं. पहली लिस्ट में ज़्यादातर रिज़र्व, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं. खास बात ये है कि भोपाल उत्तर ध्रुव नारायण सिंह और पूर्व महापौर आलोक शर्मा को भोपाल मध्य विधानसभा सीट पार्टी ने मैदान में उतारा है.
छत्तीसगढ़ में पांच महिलाओं, दस अनुसूचित जनजाति और एक अनुसूचित जाति के प्रत्याशी का नाम पहली लिस्ट में है. मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों की पहली सूची में पांच महिलाएं, आठ अनुसूचित जाति और 13 अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी शामिल हैं.
PM की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला
प्रत्याशियों की लिस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC)की बैठक के बाद आई है. चुनाव समिति उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी की ओर से निर्णय लेने वाली सुप्रीम संस्था है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो उम्मीदवारों के नामों की पहले से घोषणा करके बीजेपी नेतृत्व पार्टी के भीतर मतभेदों की पहचान करना चाहती है. इसके अलावा विवादों को पहले से ही हल करने की कोशिश करना पार्टी का मकसद हो सकता है. इस साल की शुरुआत में कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी एक और हार झेलने के मूड में नहीं है. इस साल के अंत में राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल हैं जहां चुनाव होने वाले हैं. इनमें से छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विपक्षी दल कांग्रेस का शासन है. मिजोरम में मणिपुर हिंसा के मद्देनजर सहयोगी सत्तारूढ़ पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के साथ बीजेपी के संबंध तनावपूर्ण हैं. वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है.