Madhya Pradesh: देश में सबसे तेज गति से बने यानी रिकॉर्ड टाइम में बनकर तैयार हुए 499 करोड़ रुपये की लागत से बना ग्वालियर का राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयर टर्मिनल पहली बरसात ही नहीं झेल सका. पहली ही बरसात में बिल्डिंग निर्माण की क्वालिटी में बड़ी चूक नजर आई. इसके एंट्री गेट के ऊपर स्थित सनलाइट डोम से तेज गति से बरसात का पानी गिरने से हड़कम्प मच गया . हालांकि अच्छा ये रहा कि किसी तरह का हादसा नहीं हुआ. लेकिन इस घटना ने इस भव्य एयर टर्मिनल के निर्माण की क्वालिटी को लेकर सवालिया निशान खड़े कर दिए.
फ्लाइट्स की संख्या में हुआ है इजाफा
जबलपुर , दिल्ली के बाद अब ग्वालियर में बना एयरपोर्ट सवालों के घेरे में आ गया है. यहां पहली ही बारिश का पानी एयरपोर्ट नहीं झेल पा रहा है. बारिश की वजह से सके एंट्री गेट के ऊपर स्थित सनलाइट डोम से तेज गति से बरसात का पानी गिरने से हड़कम्प मच गया. इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से 499 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया था और दावा किया गया था कि यह देश में सबसे कम समय में बनकर तैयार होने वाला एयरपोर्ट है.
जलमग्न हुआ एयरपोर्ट
ग्वालियर में अभी बरसात शुरू ही हुई है. पहली ही बरसात में अचानक टर्मिनल के सनलाइट डोम से तेज गति से पानी की धार बहने लगी. बस गनीमत यह रही कि इस तेज बहाव वाले पानी से डोम की कोई भारी भरकम चीज टूटकर नहीं गिरी. जैसे ही तेज हवा के बीच बारिश शुरू हुई तभी अचानक एंट्री गेट की तरफ पोर्च के ऊपर बने सनलाइट डोम से स्ट्रॉम वाटर का रिसाव शुरू हो गया. जब तक स्टाफ कुछ समझ पाता पानी का प्रवाह और तेज हो गया . थोड़ी ही देर में पूरा पोर्च जलमग्न हो गया. हालांकि अफसरों ने दावा किया कि यह लीकेज माइनर था, जिस पर थोड़ी ही देर में काबू पाकर ठीक करा लिया गया था.
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अफसरों ने पहुंच कराया दुरुस्त
पानी लीकेज की घटना जब हुई तब खुशकिस्मती ये थी कि उस समय यहां कोई ट्रैफिक नहीं था. किसी भी फ्लाइट के आने-जाने का समय न होने से वहां न तो यात्री थे और न ही ज्यादा स्टाफ. लीकेज की घटना के बाद एयरपोर्ट प्रशासन में हड़कम्प मच गया. एयरपोर्ट के डायरेक्टर काशीनाथ यादव इंजीनियरों के साथ फटाफट मौके पर पहुंचे. उन्होंने बारिश के बीच ही उस लीकेज को दुरुस्त कराया. इसके बाद इंजीनियरो ने पूरे एयरपोर्ट की बिल्डिंग की छतों और बाकी डोम को चैक कराया. यहां जल निकासी के लिए बनी नाली और नालों को भी चैक किया कि कहीं कोई अवरोध तो नही आ रहा। वे सब सही पाए गए.
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