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भोपाल डिजिटल अरेस्ट मामले में हुई पहली गिरफ्तारी, सिम कार्ड के खतरनाक खेल का भांडा फूटा

Bhopal Digital Arrest: भोपाल डिजिटल अरेस्ट मामले में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. इसमें क्राइम ब्रांच की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

भोपाल डिजिटल अरेस्ट मामले में हुई पहली गिरफ्तारी, सिम कार्ड के खतरनाक खेल का भांडा फूटा

Bhopal Digital Arrest: भोपाल डिजिटल अरेस्ट मामले में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. इसमें क्राइम ब्रांच की टीम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने उत्तरप्रदेश के महोबा से फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले को पकड़ा है. डिजिटल अरेस्ट करने वाले शातिर गिरोह में एयरटेल का पीओएस एजेंट भी शामिल था. यही एजेंट लोगों को सिम एक्टिवेट करने का झांसा देता था. फिर वह सिम एक्टिवेट करने के नाम पर दो सिम इश्यू कर एक खुद ठगी के लिए इस्तेमाल करते थे. 

आरोप है कि अलग-अलग गांव में घर-घर जाकर फ्री में सिम देने का लालच देता था. फिर वह एक बार मे 2 सिम निकाल लेता था. एक सिम ग्राहक को देकर दूसरी सिम स्वंय रख लेता था. एजेंट ठगी करने वाले गिरोह को फर्जी सिम देकर मोटी रकम लेता था. अब तक वह लगभग 150 सिम सायबर अपराधियो को दे चुका है.  

लोगों को ऐसे डराते थे

दरअसल, आरोपी Telecom Regulatory Authority of India और सीबीआई के अधिकारी बनकर लोगो को डराते थे कि तुम्हारे आधार कार्ड से जो सिम ली गई है वो किसी गैरकानूनी गतिविधि मे संलिप्त है. इसके लिये आरोपी फरियादी को विडियो कॉल कर फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटली अरेस्ट करने का हवाला देकर ठगने की कोशिश करते थे. भोपाल क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद एयरटेल कम्पनी के एजेन्ट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया. वह ग्रामीण क्षेत्रों मे जाकर लोगों को फ्री मे सिमकार्ड देने का झांसा देकर सिम एक्टिव करने की प्रोसेस करता और यह बताता था कि आपके आधार में गड़बड़ी है. आपको सिम के लिये फिर से प्रोसेस कराना होगा और उसी व्यक्ति के नाम की दो सिम एक्टिवेट कर लेता था. फिर एक सिम स्वंय रख कर दूसरी सिम ग्राहक को दे देता था. इस तरह वह फर्जी सिमों को मोटे दामो में ठगी करने वाले गिरोह को दे देता था. 

पुलिस ने ऐसे दबोचा 

भोपाल सायबर क्राइम की टीम ने उत्तर प्रदेश के कानपुर और महोबा में सात दिन तक लगातार पड़ताल की और तकनीकी एनालिसिस के आधार पर अपराध करने में उपयोग किए गये कॉलिंग मोबाइल नंबर के धारक महोबा के विकास साहू से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि पीओएस एजेंट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा ने फ्री सिम देने का हवाला देकर आधार कार्ड और फेस को अपने मोबाईल से स्कैन किया और कहा कि आपकी सिम एक्टिवेट नहीं हो पा रही है. आप फिंगर प्रिंट या फेस अपने आधारकार्ड मे अपडेट करा लें. फिर दोबारा अंगूठा (बायोमेट्रिक) मशीन में लगवाकर सिम को एक्टिवेट कर मुझे दे दिया था. 

मुख्य सरगना पर 10000 का इनाम

पीओएस एजेंट की तलाश के बाद पुलिस ने एक मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड,  जब्त किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी से क्राइम ब्रांच की टीम पूछताछ कर रही है और इसी के आधार पर मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. मुख्य सरगना दुर्गेश पर भोपाल क्राइम ब्रांच ने 10000 का इनाम भी घोषित कर दिया है. 

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