
Bhopal Water Crisis: भोपाल में बढ़ती गर्मी और गिरते वाटर लेवल को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह (Shailendra Vikram Singh) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पूरे जिले में ट्यूबवेल के लिए खनन करने पर रोक लगा दी है. ये रोक आगामी 30 जून तक लागू रहेगी. इस दौरान कोई भी शख्स भोपाल जिले (Bhopal District) में निजी स्तर पर ट्यूबवेल नहीं खुदवा सकेगा. यदि ऐसा करते कोई पकड़ा गया, तो उस पर जुर्माना और सजा दोनों की बात कही गई है.मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम (Madhya Pradesh Drinking Water Protection Act) की धारा 6(1) के तहत पूरे जिले में निजी नलकूप खनन पर यह प्रतिबंध लगाया गया है.
दरअसल, सोमवार को हुई एक अहम बैठक में सभी SDM ने जिले में गिरते भूजल स्तर और आने वाले दिनों में पेयजल संकट की आशंका जताई थी. इसके बाद कलेक्टर ने ये कड़ा फैसला लिया. प्रशासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब SDM की अनुमति के बिना जिले में बोरिंग मशीनों का प्रवेश और खनन दोनों प्रतिबंधित रहेगा. केवल सार्वजनिक सड़कों से गुजरने वाली मशीनों को छूट दी गई है. 30 जून की समय अवधि के बीच अगर कोई मशीन अवैध रूप से जिले में प्रवेश करती है या नलकूप खनन करती है, तो संबंधित अधिकारी मशीन को जब्त कर FIR दर्ज करवा सकेंगे. इस आदेश का उल्लंघन करने पर दो हजार रुपए जुर्माना और दो साल की सजा या दोनों हो सकती हैं.
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लोगों की बढ़ सकती है परेशानी
प्रशासन का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब भोपाल नगर निगम ने पानी पर 15 प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया है. निगम के इस फैसले से राज्य में राजनीति गरमाई हुई है. ऐसे में अब जिले में नलकूप की खुदाई पर भी पाबंदी लगने से लोगों पर दोहरी मार पड़ेगी. वहीं, इससे खेती किसानी के भी प्रभावित होने के आसार है. दरअसल, कम वर्षा होने पर किसानों के लिए अपनी फसल बचाने के लिए एकमात्र जल स्रोत बचता है, भूगर्भीय जल, लेकिन अब इस पर भी पाबंदी लगने से किसानों के मुश्किलें बढ़ सकती है.
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