Migraine: आजकल की व्यस्त दिनचर्या के कारण लोग तमाम तरह की समस्याओं से ग्रसित है. इन समस्याओं में छोटी बीमारियों के साथ कई बड़ी बीमारियां भी शामिल हैं. इन्हीं तमाम समस्याओं में 'सिरदर्द' भी एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण व्यक्ति काफी परेशान हो सकता है. वहीं, सिरदर्द की समस्या को तो किसी तरह से कम किया जा सकता हैं, लेकिन इसी में जिन लोगों को 'माइग्रेन' की समस्या होती हैं, उसके लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन जाती है. माइग्रेन का दर्द चंद घंटों से लेकर कुछ दिनों तक लगातार बना रह सकता है. इसीलिए माइग्रेन के कारणों को कभी दरकिनार नहीं करना चाहिए.
सबसे पहले जानिए क्या है माइग्रेन ?
माइग्रेन (Migraine) के बारे में बात करते हुए बंसल हॉस्पिटल के सीनियर डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि माइग्रेन एक ऐसा सिरदर्द होता है, जो अक्सर नियमित सिरदर्द की तुलना में अधिक तीव्र और दर्दनाक होता है. माइग्रेन (Migraine) की स्थिति में आमतौर पर मतली, उल्टी, लाइट और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसे अन्य लक्षण भी दिखाई पड़ सकते है.
माइग्रेन के दौरान क्या होता है ?
डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि माइग्रेन (Migraine) के दौरान मस्तिष्क और रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में कुछ बदलाव होते हैं. ऐसा माना जाता है कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाएं पहले सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है .ब्लड वैसल्स के सिकुड़ने के बाद अचानक से यह फिर फैलने लगती हैं और चौड़ी हो जाती है. ये परिवर्तन दर्द रिसेप्टर्स को ट्रिगर करते हैं, जिसके कारण यह तीव्र सिरदर्द का कारण बनता है. वहीं, माइग्रेन से बचाव के लिए यदि आप कुछ कारणों पर ध्यान देते हैं, तो आपको इस समस्या से राहत मिल सकती है.
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स्ट्रेस के कारण हो सकता है 'माइग्रेन'
आजकल के व्यस्त वातावरण में हर व्यक्ति को स्ट्रेस जरूर है. फिर चाहे वो काम का हो या किसी अन्य चीज़ का स्ट्रेस माइग्रेन (Migraine) का सबसे बड़ा कारण होता है. डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के अनुसार जब व्यक्ति को स्ट्रेस होता है तो दिमाग कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन के रिलीज को ट्रिगर करता है, जो विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है.
पर्याप्त नींद नहीं तो 'माइग्रेन' शुरू
नींद और माइग्रेन (Migraine) का रिश्ता बिलकुल उलट है. आजकल मोबाइल और सोशल मीडिया साइट्स के कारण हम घंटों अपने मोबाइल पर लगे रहते हैं, जिसके कारण भी 'माइग्रेन' की समस्या हो सकतीं हैं. यदि आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते और आराम नहीं करते, तो आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है. इस मामले पर डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि नींद की कमी माइग्रेन की समस्या को बढ़ाती है क्योंकि यह नियमित नींद के पैटर्न को रोकती है और तनाव स्ट्रेस बढ़ाती है. स्ट्रेस बढ़ने के साथ ही माइग्रेन की समस्या भी देखने को मिलती है.
हॉर्मोनल असंतुलन भी है एक कारण
महिलाओं में माइग्रेन (Migraine) होने का एक बड़ा कारण हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है. डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि हार्मोनल इम्बैलेंस महिलाओं में माइग्रेन में योगदान देता है. कई महिलाओं को उनके पीरियड्स के समय में माइग्रेन की समस्या होती है, जिसे 'मेंस्ट्यूरल माइग्रेन' भी कहा जाता है. मेंस्ट्यूरल माइग्रेन अक्सर पीरिड्स के ठीक पहले, दौरान या बाद के दिनों में होते हैं. इस दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट होती है, जिसके कारण माइग्रेन होता है.
डिहाइड्रेशन भी होता है कारण
डिहाइड्रेशन भी माइग्रेन (Migraine) के कारणों में से एक है. दरअसल, शरीर में पानी की कमी होने के कारण खून गाढ़ा हो जाता है, जिसके कारण मस्तिष्क में होने वाला ब्लड फ्लो कम हो जाता है. इस कम ब्लड फ्लो के कारण मस्तिष्क में ब्लड वैसल्स एक्सपैंड होती है, जिसके कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है.
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से भी होता है माइग्रेन
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस भी माइग्रेन (Migraine) का एक कारण होता है. विशेष रूप से सोडियम और पोटेशियम के स्तर में कमी भी इसका कारण होती है. शरीर के फ्ल्यूड बैलेंस बनाए रखने और साथ ही नर्व और मांसपेशियों के सही तरह से काम करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स आवश्यक होते हैं. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन मस्तिष्क में नर्व सिग्नलिंग को प्रभावित करता है और स्वाभाविक रूप से माइग्रेन का कारण बनता है.