
Shivpuri Flood Situation: पानी जैसे-जैसे नीचे उतर रहा... वैसे-वैसे बर्बादी की तस्वीरें भी सामने आ रही है. इस बाढ़ में गांव के गांव उजड़ गए... घर के घर बर्बाद हो गए और किसानों की फसल पूरी तरह चौपट हो गई. इतना ही नहीं आसपास की पुल-पुलिया, सड़क सब कुछ पानी में जैसे खिलौने की तरह बहकर तहस-नहस हो गई. पिछले कुछ दिनों से तबाही मचा रही इलाके से गुजरने वाली सिंध नदी ने इस बार जो किसान और ग्रामीणों को चोट पहुंचाई है उससे उभरना इन सबके लिए आसान नहीं होगा और कई साल लग जाएंगे.

इलाके में राहत और बचाव कार्य तेज
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ स्थानीय विधायक और अन्य अधिकारी राहत और बचाव कार्य पर केंद्रित होकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिल्ली से दिशा निर्देश जारी करते हुए पीड़ित किसानों और बेघर हुए लोगों को मुआवजा देने के तत्काल प्रबंध किए जाने की बात कही है.

अकेले पचावली गांव में 50 परिवार बेघर
बाढ़ की चपेट में आए गांव पानी उतरने के बाद नजर आए तो जिसने देखा उसकी आंखों में आंसू आ गए. तबाही का ऐसा मंजर के सब कुछ बर्बाद नजर आया. शिवपुरी जिले की कोलारस तहसील के पचावली गांव में 50 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए. प्रशासन ने राहत और बचाव के लिए कैंप लगाए हैं. वहीं कुछ परिवारों को स्कूलों और पंचायत भवनों में ठहराया गया है
तो कुछ अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेकर रहने को मजबूर हैं.
नरवर मगरोनी सड़क टूटी... संपर्क टूटा
अटल सागर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते इलाके में भारी जल भराव हो गया, जिसकी वजह से नरवर और मगरोनी को जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह से टूट गई और यहां आवागवन बंद हो गया. अब जब तक सड़क बनकर तैयार नहीं हो जाती तब तक मगरोनी क्षेत्र के लोगों का शिवपुरी और नरवर के लोगों से पूरी तरह से संपर्क टूट गया है.

कीचड़ में तब्दील हो गई गांव की सड़क
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की बात करें तो लगातार पानी की मार से शिवपुरी जिले की कोलारस बदरवास और नरवर तहसील सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आई. यहां बाढ़ के कारण कई गांवों में भारी तबाही हुई है. वहीं पानी कम होने पर पूरे इलाके में मिट्टी कीचड़ और तबाही के निशान दिख रहे हैं.

इलाकों में लोग टेंट लगाकर रहने को भी मजबूर लोग
जिले से कुछ तस्वीरें ऐसी भी आई है, जिसमें लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद की उम्मीद लगाए हुए हैं. बता दें कि कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासनिक सहायता तक नहीं पहुंच पायी. ऐसे में अपने घर बर्बाद हो जाने के बाद ग्रामीण अब टेंट लगाकर शरणार्थी के रूप में जीवन बिताने के लिए मजबूर हो रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि उन तक अभी कोई मदद नहीं पहुंची है.
बाढ़ प्रभाव क्षेत्र में मेडिकल कैंप
जिला प्रशासन शिवपुरी ने लगातार गांव में दौरा करना शुरू कर दिया है. जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है उनकी फसल के नुकसान का जायजा ले रहे हैं. जिनके मकान टूटे हैं उन ग्रामीणों को मुआवजा देने के लिए पटवारियों को मैदान में उतार दिया गया है. साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर रूप से बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने के लिए गांव-गांव में मेडिकल कैंप भी लगाए जा रहे हैं. जिला कलेक्टर रविंद्र चौधरी का कहना है कि उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए सभी इंतजाम किए हैं.

क्या बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री व शिवपुरी गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हम केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाके में लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. हर संभव मदद दी जा रही है और जो कुछ भी जरूरत है उसकी पूर्ति के लिए प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. मैं बाढ़ पीड़ित इलाके के लोगों के साथ हूं, क्योंकि वह सिर्फ लोग नहीं... मेरे परिवार के सदस्य हैं और जल्द ही उनके बीच पहुंचकर हालातों का जायजा भी लूंगा.
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