
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश पुलिस के नशे के खिलाफ एक पखवाड़े तक जारी रहे अभियान को ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में स्थान मिला है. इस उपलब्धि के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना को ब्रिटेन की संसद में सम्मानित किया जाएगा.
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि 'नशे से दूरी, है जरूरी' अभियान ने व्यापक पैमाने पर मिली सफलता और लोगों की 'अभूतपूर्व' जनभागीदारी के कारण यह वैश्विक पहचान अर्जित की है.
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में शुक्रवार को ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने डीजीपी कैलाश मकवाना और एडीजी (नारकोटिक्स) केपी वेंकटेश्वर राव को एक आधिकारिक प्रमाणपत्र प्रदान किया. इस अवसर पर शुक्ला ने मकवाना को ब्रिटेन की संसद में 13 सितंबर को आयोजित होने वाले एक सम्मान समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया. इस समारोह में मकवाना को सम्मानित भी किया जाएगा.
सम्मान स्वीकार करते हुए मकवाना ने कहा, 'हमारे युवाओं और किशोरों को नशे से मुक्त रखना सिर्फ एक सरकारी कर्तव्य नहीं है, बल्कि एक नैतिक दायित्व है. यह अभियान पुलिस कर्मियों, साझेदार विभागों और सार्वजनिक संगठनों के अथक प्रयासों की बदौलत जन आंदोलन में बदल गया.'
उन्होंने कहा कि विश्व रिकॉर्ड बनाना कभी इस अभियान का लक्ष्य नहीं था.उन्होंने कहा कि हमारा वास्तविक उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना था. अगर इस पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है तो यह पुलिस बल, सहायक संस्थाओं और मध्यप्रदेश के लोगों की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है. मध्यप्रदेश पुलिस ने इस साल 15 से 30 जुलाई तक पूरे राज्य में 'नशे से दूरी, है जरूरी' अभियान संचालित किया था. अधिकारियों के मुताबिक राज्य के 57 जिलों के 1,175 पुलिस थानों में यह अभियान चलाया गया, जिसमें लगभग 23 लाख व्यक्तियों ने सीधे तौर पर भाग लिया जबकि 6.35 करोड़ से अधिक लोग सोशल मीडिया के माध्यम से इससे जुड़े.
ये भी पढ़ें शर्मनाक ! पति करता रहा महिला के साथ रेप, पत्नी बनाती रही दोनों का वीडियो, Viral होते ही एक्शन