Parenting Tips: बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं (Board Exam) कुछ ही समय में शुरू होने वाली है. ऐसे में बच्चों के साथ-साथ माता-पिता भी परीक्षाओं को लेकर चिंतित रहते हैं, क्योंकि हर मां बाप अपने बच्चे को अच्छे नंबरों से पास होते देखना चाहते है. वहीं, बच्चे भी सालभर परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और अव्वल आने के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं. पढ़ाई के प्रेशर से बच्चों में चिड़चिड़ापन देखने को मिल रहा है, जिसके चलते बच्चे बा-बात में लड़ाई-झगड़ा करने लगते हैं, जिससे उनमें तनाव (Exam Stress) भी होने लगता है. आइए- हम आपको कुछ ऐसी टिप्स (Examination Tips) बताने जा रहे हैं, जिन्हें फ़ॉलो कर आप अपने बच्चों को सही सलाह दे सकते हैं और उन्हें इरिटेशन जैसी समस्या से बाहर निकाल सकते हैं..
तुलना न करें
दूसरे बच्चों से कभी भी अपने बच्चे की तुलना न करें. ऐसा करने से बच्चों में हीन भावना होती है. हर बच्चे का बौद्धिक स्तर, तार्किक क्षमता खूबियां अलग-अलग होती है. ऐसे में बच्चे को किसी अन्य बच्चे के साथ कंपेयर करना ठीक नहीं है. ऐसा करने से बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होने लगती है और बच्चा अपने आपको कम महसूस करने लगता है.
ब्रेक लेने दें
बच्चे को कभी भी लगातार पढ़ाई करने के लिए फ़ोर्स न करें, जब भी बच्चा दो घंटे या तीन घंटे पढ़ ले उसके बाद उसको एक बार ब्रेक लेने को ज़रूर कहें ऐसा करने से बच्चे में नई ऊर्जा तो उत्पन्न होगी. साथ ही माइंड में बैलेंस बना रहेगा. हम कई बार देखते हैं कि जब बच्चा 5 मिनट के लिए भी पढ़ाई से उठ जाता है, तो मां-बाप उस पर गुस्सा करने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए.
घर का माहौल रखें बढ़िया
घर का माहौल भी बच्चे के सोचने समझने की शक्ति पर प्रभाव डालता है. यदि बच्चा पढ़ाई कर रहा है और घर का माहौल अच्छा नहीं है, तो ऐसे में उसका पढ़ाई में मन नहीं लगेगा. यदि मां-बाप या अन्य किसी से लड़ाई झगड़ा हो रहा है, तो बच्चे का ध्यान पढ़ाई से भटक जाता है, तो इस बात का ध्यान रखें कि घर का माहौल अच्छा रखें कि बच्चे को किसी भी प्रकार की ऐसी बात न कहें, जिससे उसके मन में टेंशन पैदा हो.
बच्चों पर करें भरोसा
अक्सर माता-पिता यह गलती करते हैं कि अपने बच्चे पर ट्रस्ट नहीं करते हैं. ऐसा करने से बच्चे के मन में डर पैदा होता है और वह इसी प्रेशर में पढ़ाई नहीं कर पाता है और अच्छे नंबर नहीं आते हैं. इसलिए इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि बच्चे को कभी भी ये न कहें कि आप उन पर भरोसा नहीं करते हैं, बल्कि उसकी डिसिज़न की क़दर करें. यदि बच्चा अपनी कोई समस्या आपके सामने रखता है, तो उसको भी दूर करें.
टोका टाकी न करें
यदि मां बाप बच्चे को लगातार और बार-बार हर छोटी-बड़ी बात पर उसे रोकते-टोकते हैं, तो बच्चे के मन में चिड़चिड़ापन होने लगता है. इसलिए बच्चे को फ़्री टाइम भी दे लगातार किसी बात का प्रेशर न दें.
Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.