Devshayani Ekadashi 2024: हिन्दू धर्म में देवी देवताओं की तरह तुलसी माता को भी पूजा जाता है. तुलसी में धन की देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है और एकादशी तिथि पर तुलसी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. आज देवशयनी एकादशी है, इस एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीनें के लिए शयनकाल में चले जाते हैं, जिसके बाद 4 महीनें तक यानी देवउठनी एकादशी तक कोई भी मंगल काम नहीं किया जाता है. ऐसे में तुलसी से जुड़े कुछ नियमों (Tulsi Niyam in Ekadashi) का आपको विशेष रूप से पालन करना चाहिए, चलिए हम आपको बताते हैं कि एकादशी (Ekadashi Niyam) के दिन कौन से कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए....
तुलसी में जल न चढ़ाएं
एकादशी तिथि पर तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है, यदि आप तुलसी माता को जल चढ़ाते हैं तो व्रत टूट जाता है और लक्ष्मी माता नाराज़ हो जाती है इसीलिए एकादशी पर तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए, साथ ही तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए.
साफ-सफाई का ध्यान रखें
यदि आप श्रीहरि की कृपा की पाना चाहते हैं तो एकादशी पर तुलसी के आस पास सफ़ाई का विशेष रूप से ध्यान रखें, भूल कर भी तुलसी के आस पास जूते चप्पल या कूड़ेदान न रखें, इससे लक्ष्मी जी नाराज़ होती है और दूर चली जाती है.
जूठे हाथ न लगाएं
तुलसी को कभी भी गंदे हाथ से या फिर जूठे हाथों से भूलकर नहीं छूना चाहिए, एकादशी तिथि पर स्नान करने के बाद ही तुलसी को स्पर्श करना चाहिए. एकादशी तिथि पर तुलसी की पूजा करते समय भूल कर भी काले कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए, ऐसा करने से नकारात्मकता बढ़ जाती है.
एक दिन पहले तोड़ लें तुलसी के पत्ते
एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु का भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है. ऐसे में विष्णु जी को तुलसी अर्पित करने के लिए एक दिन पहले ही उसे तोड़कर रख लेना चाहिए और भूल कर भी एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए, इसके बाद शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और तुलसी मंत्रों का जाप करें, ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है.
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