Akshay Tritiya 2024: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व होता है. साल 2024 में अक्षय तृतीया शुक्रवार 10 मई को मनाई जाएगी. यह पर्व साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, इस दिन शुभ कार्य करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है. कहा जाता है कि शुभ और धार्मिक कार्यों को करने से अक्षय फल (Akshay fal) मिलता है. पंडित दुर्गेश ने अक्षय तृतीया के दिन किए जाने वाले कुछ उपायों (Akshay Tritiya Upaay) के बारे में बताया है, जो आप अक्षय तृतीया के दिन कर सकते हैं. इन उपायों को कर के आप भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Vishnu-laxmi ji puja) की विशेष कृपा पा सकते हैं...
9 दीपक जलाएं
अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करना चाहिए, इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय होता है, माता लक्ष्मी को सफेद और गुलाबी रंग के फूल चढ़ाना चाहिए और 9 दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना चाहिए.
एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में बांधे
अक्षय तृतीया के दिन पूजा स्थल पर एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में बांधकर रखें और फिर विधिवत रूप से इसकी पूजा-अर्चना करें, पूजा करने के बाद नारियल को धन के स्थान पर रखें, आप इसे अलमारी या तिजोरी में रख सकते हैं, वहीं व्यापारियों को एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में बांधकर व्यापारिक स्थल पर रखना चाहिए, ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और यदि कोई धन बीते कई समय से अटका है तो उसकी भी वापसी हो जाती है.
पितरों के नाम का दान
अक्षय तृतीया के दिन पितरों के का दान व तर्पण करना चाहिए और तीर्थ स्थानों पर विशेष रूप से स्नान करना चाहिए. इस दिन यदि आप पितरों के नाम का श्राद्ध करते हैं तो इसका विशेष महत्व होता है. पितरों के नाम का दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद हमेशा साथ रहता है.
अरण्य कांड का पाठ
अक्षय तृतीया के दिन से रामचरितमानस के अरण्य कांड का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. इस कांड में भगवान राम साधु संत और ऋषि-मुनियों के दर्शन करते हैं और ज्ञान प्राप्त करते हैं. कहा जाता है कि इस पाठ को करने से भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पवित्र नदी में स्नान
अक्षय तृतीया के दिन गंगा नदी या विशेष किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, स्नान करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें, ऐसा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को जन्म-मरण के बंधन से भी मुक्ति मिल जाती है.
श्रीसूक्त का पाठ
अक्षय तृतीया के दिन विष्णु सहस्रनाम और श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा धार्मिक स्थल पर पूरे परिवार के साथ दर्शन करने जाना चाहिए, ऐसा करने से परिवार में क्लेश नहीं होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है.
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