Akshay Tritiya Shadi Muhurt: हिन्दू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुक्रवार 10 मई को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान परशुराम (Parshuram avatar) का धरती पर अवतार माना जाता है. अक्षय तृतीया पर 23 साल बाद ऐसा होगा, जब शहनाई नहीं गूंजेगी और न ही कोई मांगलिक कार्य किए जाएंगे. आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में...
मांगलिक कार्यों पर विराम
अबूझ मुहूर्त स्वयं सिद्ध मुहूर्त होने के बावजूद भी शुक्र और गुरु के अस्त होने के कारण सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लगा रहेगा. वहीं तृतीया तिथि का लोप होने के कारण 14 दिनों का ही पक्ष रहेगा. सोना और वाहन खरीदी के लिए स्थिर लग्न में शुभ मुहूर्त मिल रहा है.
इस दिन बन रहे हैं ये योग
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन गज केसरी योग, यमघट योग, रवि योग, स्थाई जय योग तथा श श नामक उत्तम योग मिल रहा है. चंद्रमा और बृहस्पति की युति होने के कारण गज केसरी योग बन रहा है. इस दौरान की गई पूजा दान और व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है.
नहीं होंगे मांगलिक कार्य
अक्षय तृतीया स्वयं सिद्ध मुहूर्त होने के कारण विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन आदि शुभ मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं होती है. लगभग 23 सालों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है. जब अक्षय तृतीया के दिन गुरू और शुक्र के अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य पर पाबंदी रहेगी.
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