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This Article is From Oct 06, 2023

Dewas: नवरात्रि के पहले माता टेकरी मंदिर में तैयारी शुरू, हर साल उमड़ते हैं लाखों भक्त 

पहले यहां पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आने में डरते थे. मां चामुंडा की टेकरी पर कई सिद्ध संतों ने अपना डेरा डाल रखा था. वे सभी यहां पर ध्यान-पूजन करते थे. इसे लेकर मान्यता है कि रानी सती के रक्त गिरने से मां चामुंडा और तुलजा भवानी की उत्पत्ति हुई थी.

Dewas: नवरात्रि के पहले माता टेकरी मंदिर में तैयारी शुरू, हर साल उमड़ते हैं लाखों भक्त 
नवरात्रि के पहले माता टेकरी मंदिर में तैयारी शुरू

Dewas: देवास मध्य प्रदेश के मालवा इलाके का एक शहर है. देवास चामुंडा माता व तुलजा भवानी के नाम से जाना जाता है...देवास यानी दो देवियों का वास. इस शहर के बीचों-बीच ऊपर टेकरी पर मां तुलजा भवानी चामुंडा रानी का प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर सदियों पुराना है. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता रानी के दोनों स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं. इस मंदिर को माता टेकरी के नाम से भी जाना जाता है. शारदीय नवरात्रि 9 दिन बाद शुरू होने जा रहे हैं. इसी सिलसिले में मां चामुंडा तुलजा भवानी के प्रसिद्ध मंदिर में खास तैयारियां की जा रही है. 

मंदिर में सजावट का काम हुआ शुरू 

मंदिर को सजाने की कवायद शुरू हो गई है. मंदिर की रंगाई-पुताई की जा रही है. दान पेटियों को व्यवस्थित किया जा रहा है. बिजली की सप्लाई सुचारू बनी रहे, इसे लेकर भी पुख्ता इंतज़ाम किए जा रहे है. इन 9 दिनों के पावन पर्व में कोई असुविधा ना हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है. पुजारियों का कहना है कि हम अपने दर्शकों को दिखा दें कि मां चामुंडा तुलजा भवानी का मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. यहां पर शारदीय नवरात्रि में धूमधाम से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. 

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नवरात्रि में दर्शन के लिए लगती है भीड़ 

नवरात्रि में मां चामुंडा तुलजा भवानी के दर्शन के लिए करीब 10 से 12 लाख श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं. माता टेकरी के मंदिर में नवरात्रि के दिनों में खास तैयारियां की जाती है. मां के मंदिर को विशेष रूप से विद्युत सज्जा फूल बंगला से सजाया जाता है. विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी अपनी टीम के साथ व्यवस्थाओं को देख रहे हैं. फॉरेस्ट के कर्मचारी पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी यहां पर रेलिंग को दुरुस्त कर रहे हैं. आज से ठीक 9 दिन बाद यहां पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगेगा.

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मंदिर से जुड़ी मान्यता है बेहद खास 

देवास में मां चामुंडा की टेकरी पर कई संतों मुनियों ने कई वर्षों तक तपस्या की है. पहले यहां पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आने में डरते थे. मां चामुंडा की टेकरी पर कई सिद्ध संतों ने अपना डेरा डाल रखा था. वे सभी यहां पर ध्यान-पूजन करते थे. इसे लेकर मान्यता है कि रानी सती के रक्त गिरने से मां चामुंडा और तुलजा भवानी की उत्पत्ति हुई थी. मां चामुंडा तुलजा भवानी के दर्शन करने के लिए मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और विदेश से भी भक्त आते हैं. 

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