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‘यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया...’, ग्रीन समिट में क्या बोले सीएम साय?

Vishnu Deo Sai News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को ग्रीन समिट में किस बात पर चिंता जताई? यहां जानें...

‘यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया...’, ग्रीन समिट में क्या बोले सीएम साय?

Vishnu Deo Sai News:  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी सौर और जलविद्युत क्षमता का विस्तार कर रहा है और 2030 तक भारत के 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे रहा है. 
छत्तीसगढ़ ग्रीन समिट के पहले संस्करण का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया पर्यावरण क्षरण और जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों से जूझ रही है.

‘यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय'

सीएम ने कहा, "यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है. इस साल देश में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी. दिल्ली में तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. यहां तक कि दुबई, जो मूल रूप से रेगिस्तान है, वहां भी बाढ़ आ गई." साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे रहा है. 

उन्होंने कहा, "हम अपनी सौर और जलविद्युत क्षमता का विस्तार कर रहे हैं और 2030 तक भारत के 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएंगे." साय ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो पहले से ही इसके भौगोलिक क्षेत्र का 44 प्रतिशत है. 

टाइगर रिजर्व को लेकर क्या बोले साय? 

साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ जल्द ही गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की स्थापना करेगा, जो इंद्रावती, उदंती-सीतानदी और अचानकमार के बाद राज्य का चौथा टाइगर रिजर्व होगा. साय ने कहा, "इस टाइगर रिजर्व की स्थापना से राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि होगी और स्थानीय समुदायों के लिए इकोटूरिज्म और आजीविका के अवसर पैदा होंगे." 

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क्या है ग्रीन समिट? 

पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने और लोक परंपराओं को विकास विमर्श में एकीकृत करने के लिए पहला छत्तीसगढ़ ग्रीन समिट 2024 3-5 अक्टूबर को रायपुर में आयोजित किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विबग्योर एनई फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस शिखर सम्मेलन में वनों और समुदायों, भारतीय वानिकी और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के बीच संबंधों पर सत्र होंगे. विशेषज्ञ पारिस्थितिक बहाली और वनों द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र को दिए जाने वाले लाभों के बारे में जानकारी देंगे, जिसका लक्ष्य एक ऐसा स्थायी मॉडल बनाना है जो पारिस्थितिक संरक्षण और सामुदायिक कल्याण को संतुलित करे. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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