Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी (Uttarkashi) में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में 17 दिन से फंसे मजदूरों को आखिरकार मंगलवार रात निकाल लिया गया है.जिसमें रैट होल माइनर्स ((Rat-Hole Mining) )असली नायक बनकर सामने आए. इन नायकों ने अपने हाथों से करीब 15 मीटर तक ड्रिल किया और मजदूरों तक पहुंचे. मजदूरों को निकालने के बाद इन रैट होल माइनर्स के चेहरों पर मुस्कुराहट देखते ही बन रही थी. मजदूरों को निकालने की खुशी में उनकी थकान कहीं नहीं आ रही थी. इन्ही माइनर्स में से एक देवेन्द्र ने NDTV को बताया- जैसे ही हम मजदूरों के पास पहुंचे तो बहुत खुश हुए. उन्होंने हमें गले लगाया और हमें बादाम दिए.
वे बारी-बारी से पाइप के अंदर जाते, फिर हाथ के सहारे छोटे फावड़े से खुदाई करते थे. ट्राली से एक बार में तकरीबन 2.5 क्विंटल मलबा लेकर बाहर आते थे. रैट माइनर्स के टीम लीडर ने NDTV से कहा कि हमें पूरा विश्वास था कि हम फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाल ही लेंगे. इसलिए हमने चौबीसो घंटे काम किया. आठ-आठ के ग्रुप में बंट कर हम तीन शिफ्ट में काम कर रहे थे.
रैट-होल माइनिंग क्या है?
रैट-होल माइनिंग के मतलब से ही साफ है कि छेद में घुसकर चूहे की तरह खुदाई करना. इसमें पतले से छेद से पहाड़ के किनारे से खुदाई शुरू की जाती है. पोल बनाकर धीरे-धीरे छोटी हैंड ड्रिलिंग मशीन से ड्रिल किया जाता है. हाथ से ही मलबे को बाहर निकाला जाता है. बता दें कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी जिले के सिल्कयारा में सुरंग ढहने के बाद 17 दिनों तक मैराथन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
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