
Shubha Mudgal Exclusive With NDTV: बीते दिनों ग्वालियर में तानसेन समारोह 2024 (Tansen Samaroh 2024) संपन्न हुआ. इस समारोह में देश-विदेश के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. ग्वालियर में यह समारोह हर साल आयोजित होता है. जिसमें लोगों को नई-नई चीजें देखने को मिलती हैं. इस समारोह में अपनी प्रस्तुति देने आईं सुभा मुद्गल (Shubha Mudgal) ने NDTV से बात की और कई पहलुओं पर खुलकर अपनी बात रखी.
विदेशी कलाकारों ने दी प्रस्तुति
सुभा मुद्गल ने बात करते हुए कहा कि हमारा शास्त्रीय संगीत विदेशों में भी काफी फेमस हो रहा है. मैं उन शख्सियत को यह श्रेय देना चाहूंगी, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत का विदेशों में प्रचार किया और जिनके कारण आज भारत के बाहर के लोग कितने अच्छे तरीके से शास्त्रीय संगीत सीख रहे हैं. वही लोग आज तानसेन समारोह में प्रस्तुति दे रहे हैं.
क्या शास्त्रीय संगीत का जलवा रहेगा कायम?
सिंगर ने आगे बात करते हुए कहा कि अगर सबकी इच्छा रही और समाज की इच्छा रही तो शास्त्रीय संगीत का जलवा कायम रहेगा. कलाकार अपना काम करते जाएंगे, लेकिन जब तक श्रोता अपने कलाकारों का साथ नहीं देंगे फिर बात कैसे बनेगी?
तानसेन समारोह 2024 के बारे में ये कहा
सिंगर ने तानसेन समारोह 2024 के बारे में बात करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा आयोजन है. इस बार यह शताब्दी समारोह था. हमने समारोह में तानसेन को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुझे समारोह में एक बड़ा अवसर दिया गया था. इसके अलावा यह मेरे और साथी कलाकारों के लिए बहुत बड़ा मंच था. जो हमने सीखा है, वह हमने मंच पर प्रस्तुत किया.
शास्त्रीय संगीत को ज्यादातर फिल्मों में लेना चाहिए?
जब सिंगर से पूछा गया कि आपको नहीं लगता कि शास्त्रीय संगीत को ज्यादातर फिल्मों में लेना चाहिए? इसका जवाब देते हुए सुभा ने कहा कि मुझे लगता है कि हर फिल्म में शास्त्रीय संगीत डालने की जरूरत नहीं है. अगर कोई फिल्म शास्त्रीय संगीत डालने लायक ही नहीं है तो उसमें आप कैसे रखेंगे?
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