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This Article is From Jun 24, 2024

Chhattisgarh में मुआवजे के लिए भटक रही पत्नी: 2 लाख के लिए 2 साल से विभाग का काट रही चक्कर

Wife wandering for compensation in Chhattisgarh: पीड़ित महिला ने प्रबंधक पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधक के पास कई बार गई, लेकिन वह 10 हजार रुपये का डिमांड कर रहा है, जिससे मैं परेशान हो गई हूं.

Chhattisgarh में मुआवजे के लिए भटक रही पत्नी: 2 लाख के लिए 2 साल से विभाग का काट रही चक्कर

Wife wandering for compensation: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur) जिले में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा परिवार शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए 2 साल से विभाग का चक्कर लगा रहा है. मामला भरतपुर विकासखंड के ग्राम शेरी का है. बैगा परिवार तेन्दूपत्ता संग्राहक का कार्य करता था. दरअसल, सरकार की ओर से मुखिया की मौत के बाद 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी आज तक मृतक की पत्नी को राशि नहीं मिल पाई.

ऐसा नहीं है कि तेंदूपत्ता वनोपज समिति को मामले की जानकारी नही हैं, लेकिन सब कुछ जानने के बाद भी आश्रितों को लाभ नहीं मिलना विभाग की निष्क्रिय कार्यप्रणाली को दर्शाता है.

2 लाख रुपये की मुआवजा के लिए 2 साल से समिति का लगा रही चक्कर

बता दें कि शिवप्रसाद पिता बाल्मीक जनकपुर के ग्राम पंचायत शेरी में तेंदूपत्ता संग्राहक का काम करता था. 31 दिसंबर 2021 को उसकी मौत हो गई. मृत्यु के बाद समिति में नॉमिनी सदस्य पत्नी मुन्नी ने तेंदूपत्ता संग्राहय सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद यूनियन स्तरीय तेंदूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजनांतर्गत पात्रता निर्धारण समिति ने प्रकरण दर्ज किया.

विभाग की लापरवाही के कारण नहीं मिल पा रहा योजनाओं का लाभ

मृतक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होने के कारण इन्हें अनुदान सहायता के रुपये में 2 लाख रुपये देने के लिए आदेश जारी किया गया था. इधर, 2 लाख रुपये मुआवजा राशि मिलने के बाद से मृतक की पत्नी मुन्नी बाई लगातार 2 सालों से राशि पाने के लिए समिति का चक्कर लगा रही है, लेकिन विभाग की निष्क्रियता के कारण राशि नहीं मिल सकी है.

पीड़ित महिला ने कहा कि प्रबंधक के पास कई बार गई, लेकिन वह 10 हजार रुपए मांग रहा है, जिससे मैं परेशान हो गई हूं. वहीं प्रबंधक बालकरण ने कहा कि खाते में 50 हजार रुपये से कम की लीमिट होने के कारण ऊपर राशि नहीं ले रहा था, खाते की लीमिट बढ़ाने के लिए भेजे थे.

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