
Chhattisgarh News in Hindi: बुधवार को छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंडों में एक बार फिर सरकारी शिक्षक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. शिक्षक साझा मंच का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार, सूरजपुर जिले की शिक्षिका सोना साहू को प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति वेतनमान दिया जा रहा है. साथ ही, उन्हें पूरी एरियर्स राशि की भुगतान भी कर दी गई है. लेकिन, राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी पात्र शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल आर्डर नहीं दिया है. इससे प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित हैं और उन्हें आर्थिक रूप से हर महीने 15 से 20 हजार रुपये का एक बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. संगठन की मांग है कि राज्य सरकार द्वारा सभी शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का जनरल आर्डर जारी किया जाए.
शिक्षकों को हो रहा आर्थिक नुकसान
शिक्षक साझा मंच के प्रदेश संचालकों ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति 1995 एवं 1998 से हुई है, लेकिन प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना न कर संविलियन तिथि 2018 से की जा रही है. इससे शिक्षकों को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. शिक्षक साझा मंच की मांग है कि शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवागणना कर पुरानी पेंशन बहाली सहित समस्त लाभ दिया जाए.
क्या है शिक्षकों की मांग?
छत्तीसगढ़ के सरकारी शिक्षक कई मामलों को लेकर परेशान हैं. प्राथमिक स्कूल से शिक्षकों की संख्या तीन से घटकर दो कर दी गई है. मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में भी एक-एक शिक्षकों की कटौती कर दी गई है. इस प्रकार, प्रदेश के स्कूलों में लगभग 57 हजार शिक्षकों के पदों को एक झटके में समाप्त कर दिया गया है. इस बार प्रदेश के 23 शिक्षक संगठन एक साथ होकर अपनी मांग को पूरा करने के लिए प्रदर्शन करने वाले हैं.
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सभी सरकारी स्कूलों में तालाबंदी की कही बात
साझा मंच के प्रदेश संयोजक मंडल ने स्पष्ट और दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार उनकी मांगों को और हड़ताल को हल्के में न ले. नहीं तो प्रदेश भर के सभी स्कूलों में तालेबंदी कर सभी शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाएंगे, जिनकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
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