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Vegetable Price Hike: आसमान छूने लगी सब्जियों की कीमत, इस वजह से बिगड़ रहा है किचन का जायक़ा, जानें-ताजा भाव

Chhattisgarh Vegetable Prices: मॉनसून सीजन आते ही हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं. ऐसा ही नजारा जशपुर जिले में भी देखने को मिल रहा है.

Vegetable Price Hike: आसमान छूने लगी सब्जियों की कीमत, इस वजह से बिगड़ रहा है किचन का जायक़ा, जानें-ताजा भाव
छत्तीसगढ़ में बढ़ी हरी सब्जियों की कीमत

Jashpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर जिले में एक माह से हो रही बरसात से साग-सब्जियों की कीमत आसमान छू रही हैं. सब्जी के कीमतों में बेताहशा वृद्धि से आम लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है. जशपुर जिला कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजूद इन दिनों सब्जियों के दाम के कारण परेशान है. सब्जियों की कीमत (Vegetable Prices) का उछाल होने का कारण बाहर प्रदेश से सब्जी का आना बताया जा रहा है. यहां हरा मिर्च 200 रुपये किलो और बरबट्टी 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. ऐसे में लोगों को अपने किचन में हरी सब्जी की संख्या कम करनी पड़ी है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

हरी सब्जी के दाम छू रहे आसमान

हरी सब्जी के दाम छू रहे आसमान

फसल को हुआ भारी नुकसान

दरअसल, जिले में बीते एक माह से रुक-रुककर हो रही भारी बारिश के कारण खेतों में खड़ी सब्जियों को भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश की वजह से बाजार में सब्जियों की आपूर्ति घट गई है और दाम तेजी से बढ़े हैं. आलू, टमाटर, भिंडी, परवल, बैगन जैसी रोजमर्रा की सब्जियों के दाम दोगुना हो गए हैं. टमाटर जहां पहले 20 से 25 रुपये प्रति किलो मिल रहा था, अब 50 से 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. सब्जी मंडी में 80 रुपये से कम की हरी सब्जी ही नहीं मिल रही है.

हरी सब्जी के दाम छू रहे आसमान

हरी सब्जी के दाम छू रहे आसमान

मंडी में हरी सब्जियों की कीमत

  • परवल - 60 रुपये प्रति किलो
  • भिंडी - 60 रुपये प्रति किलो
  • करेला - 80 रुपये प्रति किलो
  • पत्ता गोभी - 60 रुपये प्रति किलो
  • बैगन 60 रुपये प्रति किलो
  • धनिया पत्ती - 200 रुपये प्रति किलो
  • लौकी - 40 रुपये प्रति किलो
  • टमाटर - 50 रुपये प्रति किलो
  • खीरा - 40 रुपये प्रति किलो
  • हरा मिर्च - 200 रुपये प्रति किलो
  • बरबट्टी - 80 रुपये प्रति किलो
  • साग (भाजी) - 80 रुपये प्रति किलो
  • मुनगा - 60 रुपये प्रति किलो

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क्या कहना है विक्रेताओं का?

स्थानीय विक्रेताओं का कहना है कि बारिश के कारण परिवहन भी प्रभावित हुआ है, जिससे सब्जियां समय पर बाजार तक नहीं पहुंच पा रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भी परेशान हैं, क्योंकि उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है. अगर बारिश का यही रुख जारी रहा, तो आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमतों में और उछाल आ सकता है. वहीं, सब्जी खरीदने वालों ने सब्जी की कीमतों के उछाल से परेशान हैं. उनका कहना है कि सब्जी की कीमत बढ़ने से कम मात्रा में सब्जी खरीदी कर रहे है.

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