Chhattisgarh Naxal: केंद्र और राज्य सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलवाद (Naxalism) अब भी पांव पसारे हुआ है. हालात ये है कि राज्य के 33 में से 15 जिसे अब भी नक्सलवाद से प्रभावित है. ये बाते खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने बताई है. लोकसभा (Lok sabha) में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने जवाब में पिछले 5 सालों में हुई नक्सली घटनाओं और नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों को मिली सफलताओं पर विस्तार से जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इस वक्त देश के 9 राज्यों में नक्सली सक्रिय हैं. इसके साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि 5 सालों में 647 नक्सली सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारे गए हैं, जबकि इस दौरान सुरक्षा बलों के 207 जवानों की भी शहादत हुई है. शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में इस वक्त नकस्लवाद का प्रभाव है.
केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक भारत के विभिन्न हिस्सों में नक्सलवाद की समस्या अब भी बरकरार है. गृहमंत्री ने बताया कि नक्सलवाद पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. अब नक्सली देश के 9 राज्यों के मात्र 38 जिलों में सीमित है. इसमें से अकेले छत्तीसगढ़ के 15 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं.
छत्तीसगढ़ में हैं नक्सल प्रभावित जिले
छत्तीसगढ़ के बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गारियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली जिले नक्सलवाद से प्रभावित है.
ये हैं पिछले पांच वर्षों के आंकड़े
गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले पांच वर्षों यानी 1 जनवरी 2019 से 15 जुलाई 2024 के दौरान सुरक्षाबलों ने अलग-अलग कार्रवाई में 647 नक्सलियों को मार गिराया. वहीं, इस दौरान 207 सुरक्षाकर्मियों ने भी अपनी जान गंवाई. गृह मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लगातार संघर्ष चल रहा है, लेकिन सुरक्षा बलों की सफलता में प्रगति हुई है.
नक्सली वारदात में आई गिरावट
2013 में देश में 126 जिले थे नक्सल प्रभावित, अब 38 जिलों में है असर
वर्ष 2013 में नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी, जो अब घटकर 2024 में 38 रह गई है. छत्तीसगढ़ के 15 जिले अभी भी नक्सलवाद से प्रभावित हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की निरंतर कार्रवाई और विकास योजनाओं के कारण इन क्षेत्रों में नक्सलवाद की गतिविधियों में कमी आई है.
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इन रणनीतियों का हुआ असर
गृह मंत्रालय ने नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए 2015 में 'राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना' को अनुमोदित किया था. इस नीति में सुरक्षा संबंधी उपायों के साथ-साथ विकासपरक पहलों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हितों को सुनिश्चित करने के लिए बहुआयामी कार्य नीतियों का समावेश किया गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अनुसार, सरकार नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है. सुरक्षा बलों की सक्रियता, सरकारी नीतियों और विकास योजनाओं के संयुक्त प्रयास से नक्सलवाद की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है और यह समस्या अब सीमित क्षेत्रों में ही सिमट गई है.
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