An Idea Made History: कहते हैं बिना यूनिक आइडिया के कोई व्यापार फलता-फूलता नहीं है. आइडिया महत्वपूर्ण होता है और आइडिए पर मेहनत मुकाम तक पहुंचा है. कुछ ऐसी ही कहानी है कि रायपुर के अग्रवाल बंधुओं की, जिनके एक आइडिए ने उनकी जिंदगी बदल दी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं रायपुर के अग्रवाल बंधु आकाश अग्रवाल और आशीष अग्रवाल की, जिन्होंने मसालों के ब्रांड ने मार्केट में धूम मचा रखी है.
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एक आइडिए से हुआ साल 2018 में शुरू हुआ जॉफ ब्रांड मसाले का आगाज
एक सफल मसाला ब्रांड 'जॉफ फूड्स' के मालिक आकाश और आशीष अग्रवाल के मसालों की आज अलग पहचान है.साल 2018 में शुरू हुआ जॉफ ब्रांड मसाले का आगाज एक आइडिए से हुआ, जो आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. अग्रवाल बंधुओं ने बाजार में मिलावटी और प्रिजर्वटिंव्स युक्त मसालों से इतर मसाला ग्राहकों के देने के लिए जोफ ब्रांड की आधारशिला रखी. जिसे लोगों ने हाथों-हाथ ले लिया और आज मसालों की दुनिया में विश्वसनीयता की पहचान बन चुका है.
देखते ही देखते लोगों में हिट हो गया स्वच्छ और ऑर्गेनिक मसाला ब्रांड जॉफ
स्वच्छ और ऑर्गेनिक मसाला उपलब्ध कराने के नाम शुरू हुआ मसाला ब्रांड जल्द फेमस हो गया, क्योंकि 'कूल ग्राइंडिंग टेक्नोलॉजी' और 'नो-ह्यूमन-टच' प्रोसेसिंग जैसी तकनीक से तैयार मसालों की खुश्बू और पोषक तत्वों से अनोखे बनाया. जिप-लॉक पैक्स वाले मसाला ब्राड बाजार में आते ही छा गया और दूसरे मसाला ब्रांड को टक्कर देने में लगा. इसकी तस्दीक करता है जॉफ फुड्रस का वित्तीय साल 2023-24 का रेवेन्यू है, जो 92.66 करोड़ रुपए पहुंच चुका था.
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एक स्टील व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखने हैं आकाश -आशीष अग्रवाल बंधु
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (IIPM), नई दिल्ली से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले आकाश और आशीष अग्रवाल एक स्टील व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. कॉलेज के बाद पारंपरिक स्टील प्लांट संभालते हुए उनको साल 2015 के आसपास शुद्ध मसाला ब्रांड बाजार में उतारने का आइडिया आया और मसाला मैन्युफैक्चरिंग उद्योग में उतरने का फैसला किया. सफर मुश्किल था, क्योंकि कई स्थापित मसाला ब्रांड से मुकाबला था.
ओरिजनल स्वाद व सुगंध को पहुंचाने का जुनून ने अग्रवाल बंधुओं दिलाया किक
मिलावट से दूर और मसालों की ओरिजनल स्वाद और सुगंध को लोगों तक पहुंचाने का जुनून ने अग्रवाल बंधुओं को मार्केट में किक मिला, क्योंकि पुराने प्रोसेसिंग तकनीकें मसालों को खराब कर देती थी. आकाश और आशीष ने तय किया कि वो उपभोक्ता को गुणवत्ता, विश्वसनीयता और स्वच्छता का मिश्रित उत्पाद मुहैया कराएंगे. बस इसी एक आइडिया सेअपना अभियान शुरू के लिए उन्होंने पूरी तरह से ऑटोमैटिक, हाइजीन-फोकस्ड प्लांट में निवेश कर उद्योग का श्रीगणेश किया.
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पारदर्शी मार्केटिंग दूरदर्शिता ने ग्राहकों के बीच हिट हुआ जॉफ फूड्स ब्रांड
मसालों की शुद्धता से परिचित कराने और ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए अग्रवाल बंधुओं ने अनोखे मार्केटिंग स्ट्रेटजी को फॉलो किया, जिसमें वो सफल हुए. अग्रवाल बंधुओं ने पहले टियर II शहरों की रुख किया और स्थानीय किराना दुकानों से लेकर खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के बीच मार्जिन को लेकर बेहतर तालमेल बैठाने में सफलता पाई. साल 2020 में ब्रांड ने D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) और क्विक कॉमर्स (जैसे जेप्टो, ब्लिंकिट) जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कदम रखा.
साल 2025-26 तक कंपनी का रेवन्यू 170- 180 करोड़ करने का है लक्ष्य
गौरतलब है मजबूत ओमनीचैनल उपस्थिति के चलते अग्रवाल बंधुओं का मसाला ब्रांड भारतीय पैक्ड मसाला उद्योग में तेजी से आगे बढ़ा. बढ़ते ग्राहकों के साथ कंपनी के रेवेन्यू में भी दिखा. वित्तीय वर्ष 2020-21 में कंपनी का रेवन्यू 25.79 करोड़ था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 92.66 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया. कंपनी ने.वित्तीय वर्ष 2025-26 तक इसे बढ़ाकर 170- 180 करोड़ रुपए करने रखा है.