Chhattisgarh High Court New Judge: केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के न्यायिक अधिकारी (Judicial Officer) अरविंद कुमार वर्मा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में प्रमोशन को मंजूरी दे दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बीते चार जनवरी को न्यायिक अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा (Arvind Kumar Verma) को हाईकोर्ट का न्यायाधीश (High Court Judge) बनाने का प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद केंद्र सरकार (Central Government) ने सोमवार को अरविंद कुमार वर्मा को हाईकोर्ट का जज बनाने की मंजूरी दे दी.
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इन नियुक्तियों की घोषणा की. तीनों नामों की लिस्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा, "भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति, माननीय मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, इन्हें हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया गया है."
In exercise of the power conferred by the Constitution of India, the Hon'ble President of India, after consultation with Hon'ble Chief Justice of India, is pleased to appoint the following as High Court Judges: - pic.twitter.com/vz5V6RMxdT
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) January 22, 2024
जिला न्यायाधीश भी रह चुके हैं वर्मा
बता दें कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बीते छह अगस्त को अरविंद कुमार वर्मा को हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था. मुख्यमंत्री और राज्यपाल के अनुमोदन के बाद फाइल सर्वोच्च न्यायालय को भेजी गई थी. अरविंद कुमार वर्मा इससे पहले जगदलपुर, रायपुर और बिलासपुर में जिला और सत्र न्यायाधीश रह चुके हैं. 5 मई 2022 से वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार जनरल के पद पर पदस्थ हैं.
जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट को भी मिले न्यायाधीश
इसके साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के दो अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश बनाए जाने की भी मंजूरी दी. कॉलेजियम ने चार जनवरी को ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राहुल भारती और न्यायमूर्ति मोक्ष खजूरिया काज़मी को स्थायी न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उसी दिन स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए बंबई हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश अभय आहूजा के नाम की भी सिफारिश की थी. अतिरिक्त न्यायाधीशों को आमतौर पर 'स्थायी न्यायाधीश' बनाए जाने से पहले दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है.
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